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Monday, 23 September, 2024
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अडाणी समूह गुजरात में बना रहा है 1.2 अरब डॉलर का दुनिया का सबसे बड़ा तांबा संयंत्र

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नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) अरबपति कारोबारी गौतम अडाणी की अगुवाई वाला समूह गुजरात के मुंद्रा में दुनिया का सबसे बड़ा एकल-स्थान तांबा विनिर्माण संयंत्र बना रहा है।

सूत्रों ने कहा कि इस संयंत्र से आयात पर भारत की निर्भरता को कम करने और ऊर्जा बदलाव में मदद मिलेगी।

मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश से तैयार हो रहा यह संयंत्र मार्च के अंत तक पहले चरण का परिचालन शुरू कर देगा।

उन्होंने बताया कि संयंत्र मार्च, 2029 तक पूर्ण पैमाने पर 10 लाख टन क्षमता के साथ परिचालन शुरू करेगा।

चीन और अन्य देशों की तरह भारत भी तांबे का उत्पादन तेजी से बढ़ा रहा है, जो जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण धातु है। ऊर्जा बदलाव के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों जैसे इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), चार्जिंग अवसंरचना, सौर फोटोवोल्टिक (पीवी), पवन ऊर्जा और बैटरी सभी में तांबे की जरूरत होती है।

अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) की अनुषंगी कंपनी कच्छ कॉपर लिमिटेड (केसीएल) दो चरण में 10 लाख टन सालाना क्षमता वाली तांबा रिफाइनरी परियोजना स्थापित कर रही है।

पहले चरण में पांच लाख टन प्रति वर्ष की क्षमता शुरू की जाएगी। इसके लिए केसीएल ने जून, 2022 में वित्तपोषण हासिल किया था।

सूत्रों में से एक ने कहा, ‘‘अडाणी समूह संसाधन कारोबार, लॉजिस्टिक, नवीकरणीय ऊर्जा और बुनियादी ढांचे में अपनी मजबूत स्थिति का लाभ उठाकर तांबे के कारोबार में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनना चाहता है।’’

उन्होंने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति तांबे की खपत लगभग 600 ग्राम है, जबकि वैश्विक औसत 3.2 किलोग्राम है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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