नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) साल 2025 की सुस्त शुरुआत के बाद, प्राथमिक बाजार में सुधार के संकेत दिख रहे हैं और एक दर्जन से अधिक कंपनियों ने अगले तीन से छह महीनों में अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) पेश करने की तैयारी कर ली है, जो कि द्वितीयक बाजार में स्थिरता और भू-राजनीतिक तनाव में कमी के कारण संभव हो पाया है। मर्चेंट बैंकरों ने यह कहा है।
उन्होंने कहा कि पूंजी बाजार में उतरने की तैयारी कर रही कंपनियों में एचडीएफसी बैंक की अनुषंगी कंपनी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल), कल्पतरु, रूबिकॉन रिसर्च, ऑल टाइम प्लास्टिक्स, रीग्रीन-एक्सेल ईपीसी इंडिया और परमेसु बायोटेक शामिल हैं।
इसके अलावा, क्रेडिला, एसके फाइनेंस, वेरिटास फाइनेंस, पारस हेल्थकेयर, सीआईईएल एचआर सर्विसेज, एवांसे फाइनेंशियल सर्विसेज, ड्रोफ-केटल केमिकल्स इंडिया, ब्रिगेड होटल वेंचर्स और श्रीजी शिपिंग भी अपने आईपीओ पेश करने की योजना बना रही हैं।
इन सभी कंपनियों को पहले ही बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से मंजूरी मिल चुकी है।
ये कंपनियां पूंजीगत व्यय आवश्यकताओं, खासकर विस्तार योजनाओं, उधारों के पुनर्भुगतान और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए धन जुटा रही हैं।
यह नई गतिविधि पिछले महीने छह आईपीओ पेश करने के बाद हुई है, जिसमें लक्ज़री होटल शृंखला ‘द लीला’ के मालिक श्लॉस बैंगलोर भी शामिल हैं।
हालांकि, 2025 में कुल आईपीओ गतिविधि धीमी हो गई है, पिछले साल इसी अवधि में 29 आईपीओ की तुलना में अब तक केवल 16 फर्म ही सार्वजनिक निर्गम लेकर आई हैं। वैश्विक और घरेलू कारकों के मिश्रण के कारण इक्विटी बाजार में चल रही अस्थिरता के कारण मंदी आई है।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.