नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) कोचिंग चलाने वाली आकाश एजुकेशनल सर्विसेज (एईएसएल) ने शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच बायजू के साथ जारी कानूनी विवाद में ईवाई पर हितों के टकराव और पेशेवर आचरण के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
एईएसएल ने लेखा फर्म ईवाई से कहा है कि वह उसके साथ लेनदेन से संबंधित सभी दस्तावेजों और सूचनाओं का खुलासा करे।
बायजू द्वारा अधिग्रहण के असफल प्रयास के बाद एईएसएल के साथ उसकी व्यापक कानूनी लड़ाई चल रही है। वहीं बायजू कुप्रबंधन और कंपनी के धन के कथित दुरुपयोग के आरोपों का सामना कर रहा है।
घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा कि एईएसएल की कानूनी टीम ने 17 मई को लिखे एक पत्र में ईवाई पर दोहरी क्षमता में काम करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि लेखा फर्म बायजू और एईएसएल दोनों को सलाह दे रही थी जबकि उसे उनके संबंधों की शत्रुतापूर्ण और मुकदमेबाजी वाली प्रकृति के बारे में पूरी जानकारी थी।
एईएसएल ने इसे ‘अनैतिक और कानूनी रूप से असमर्थनीय’ बताते हुए कहा है कि मौजूदा कानूनी कार्यवाही की अखंडता बचाए रखने के लिए कदम उठाया गया है।
एईएसएल ने ईवाई से सभी तरह की साझेदारी समाप्त करने और कानूनी कार्यवाही में संभावित उपयोग के लिए सभी संचार रिकॉर्ड सुरक्षित रखने की मांग की है।
ईवाई को लिखे पत्र में एईएसएल के विधि प्रमुख संजय गर्ग ने कहा है कि संस्थागत अखंडता से समझौता नहीं किया जा सकता, खासकर तब जब कंपनी को संवेदनशील, अधिक जिम्मेदारी वाली सलाहकार भूमिकाएं सौंपी गई हों।
इस बारे में संपर्क किए जाने पर ईवाई ने एक बयान में कहा, ‘हम सभी आरोपों का खंडन करते हैं। हम ग्राहक की गोपनीयता और हितों के टकराव के मामलों को अत्यंत गंभीरता से लेते हैं। लिहाजा हम इस मामले पर आगे कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।’
इस बीच, एईएसएल में अहम हिस्सेदारी रखने वाले मणिपाल समूह की तरफ से काम कर रही कंपनी क्रेस्टलॉ पार्टनर्स ने ईवाई से संपर्क किया और एईएसएल से संबंधित कर एवं नियामकीय निहितार्थ रखने वाले मामलों में मणिपाल समूह को सलाह देने में फर्म की संलिप्तता पर सवाल उठाए।
कानूनी फर्म क्रेस्टलॉ पार्टनर्स ने 21 मई को कहा, ‘एईएसएल में बहुलांश शेयरधारक हमारे ग्राहक को अवगत करा दिया गया है कि एईएसएल के रिकॉर्ड में ऐसे कई पत्राचार हैं जो दर्शाते हैं कि बायजू रवींद्रन/बायजू/एईएसएल/आकाश चौधरी/ ब्लैकस्टोन/मणिपाल समूह को दी गई सलाह और संचालन दोनों में ईवाई लगातार एक घटक के तौर पर शामिल थी।’
फर्म ने कहा, ‘कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया में किसी भी तरह से, किसी के भी जरिये आपका जुड़ाव काफी चिंता एवं खेद का विषय है और कदाचार के बराबर है।’
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