नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) चेहरे के जरिये व्यक्ति के पहचान यानी आधार के सत्यापन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह जुलाई में रिकॉर्ड 19.36 करोड़ पर पहुंच गया। यह पिछले साल की समान अवधि के 5.77 करोड़ की तुलना में तीन गुना से ज्यादा है।
शुक्रवार को जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, चेहरे के जरिये आधार सत्यापन में मासिक आधार पर वृद्धि देखी जा रही है। यह आंकड़ा जून महीने के मुकाबले 22 प्रतिशत अधिक है।
चेहरा सत्यापन तकनीक में किसी व्यक्ति के चेहरे की आधार के बायोमीट्रिक डेटाबेस से मिलान कर उसकी पहचान की पुष्टि की जाती है।
यह तरीका सरकारी योजनाओं के लाभ, बैंकिंग सेवाओं, मोबाइल कनेक्शन और अन्य सेवाओं में पहचान सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है।
जुलाई माह के दौरान एक ही दिन में सर्वाधिक 1.22 करोड़ चेहरा सत्यापन एक जुलाई को अंजाम दिए गए। इससे पहले एक मार्च 2025 को 1.07 करोड़ चेहरा सत्यापन किए गए थे।
फिलहाल 150 से अधिक सरकारी विभाग, वित्तीय संस्थान, तेल विपणन कंपनियां और दूरसंचार सेवा प्रदाता इस पहचान सत्यापन तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) में भी जोड़ा गया है, जिससे 13.66 लाख लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का भुगतान सुरक्षित और बिना संपर्क के मिल रहा है।
इस तकनीक को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के तहत संचालित सभी 850 मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में उपस्थिति दर्ज करने के लिए भी अपनाया गया है।
हालांकि, नागरिक अधिकार संगठन इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन (आईएफएफ) ने आशंका जताई है कि किसी तकनीकी गड़बड़ी की स्थिति में पात्र लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में बाधा आ सकती है।
जुलाई में आधार से जुड़े 39.56 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी लेनदेन भी किए गए।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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