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Friday, 15 November, 2024
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समीक्षा में अगले वित्त वर्ष के लिये 8 से 8.5 प्रतिशत वृद्धि दर अनुमान आशावादी: विशेषज्ञ

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नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) उद्योग जगत ने सोमवार को कहा कि अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की 8 से 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान ‘आशावादी’ है। संसद में सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा में यह अनुमान लगाया गया है।

उद्योग जगत का कहना है कि केंद्रीय बजट में अर्थव्यवस्था में नई जान डालने के लिये राजकोषीय प्रबंधन तथा सुधारों को आगे बढ़ाये जाने पर जोर दिये जाने की उम्मीद है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को संसद में 2022-23 का बजट पेश करेंगी। जबकि 2021-22 की आर्थिक समीक्षा सोमवार को पेश की गयी।

हालांकि, विशेषज्ञों ने कहा कि एक अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2022-23 के लिये 8 से 8.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान आशावादी जरूर है लेकिन यह जिन सकारात्मक मान्यताओं पर आधारित है, उसमें से कुछ शायद पूरे नहीं हों।

उद्योग मंडल सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि आर्थिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के लिये 9.2 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष के लिये 8 से 8.5 प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान भारत को लगातार दो साल तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें भरोसा है कि निरंतर सुधार, पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित करने, स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को निरंतर मजबूत करने और आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों को कम-से-कम सुनिश्चित करने के लिए छोटे स्तर पर नियंत्रण की रणनीति अर्थव्यवस्था में नई जान डालने का काम करेगी। इससे भारत निरंतर उच्च दर से वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ सकेगा। हम इन सबको लेकर सकारात्मक रूप से आगामी बजट की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’’

उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि आर्थिक समीक्षा के अनुसार, आपूर्ति व्यवस्था में सुधार तथा कोविड-19 महामारी से प्रभावित समाज के कमजोर तबकों के लिये किये गये उपायों के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था 2022-23 की चुनौतियों का सामना करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है।

एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) के लिये 4.5 लाख करोड़ रुपये की 100 प्रतिशत गारंटी के साथ कर्ज सुविधा से महामारी से प्रभावित क्षेत्र को महत्वपूर्ण राहत मिली है। बजट में इस प्रकार के और उपायों की उम्मीद है।

पीडब्ल्यूसी इंडिया में आर्थिक सलाहकार सेवाओं के भागीदार और प्रमुख रानेन बनर्जी ने कहा कि समीक्षा में वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में 8-8.5 प्रतिशत की सीमा में बढ़ने का अनुमान है। इसमें स्पष्ट आंकड़ों के बजाय दायरा दिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न चीजों को देखते हुए यह अनुमान आशावादी है। अनुमान इस धारणा पर आधारित हैं कि आगे कोई महामारी संबंधी व्यवधान नहीं होगा। मानसून सामान्य रहेगा, विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंक नकदी को व्यवस्थित रूप से वापस लेंगे, कच्चे तेल की कीमत कम होकर 70-75 अमेरिकी डालर पर आ जाएंगी और वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और बेहतर होगी।’’

बनर्जी के अनुसार इसकी काफी संभावना है कि इनमें से कुछ बातें सही नहीं हों और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से अन्य जोखिम भी हो सकते हैं जिनका समीक्षा में उल्लेख नहीं किया गया है।

क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने भी कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिये वृद्धि परिदृश्य आशावादी है क्योंकि बाह्य कारकों की वजह से इसके नीचे जाने का जोखिम है। इसमें कच्चे तेल की ऊंची कीमत और कई प्रमुख देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति रुख को कड़ा किये जाने को लेकर उठाये जा रहे कदम हैं।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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