नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) कैलेंडर साल 2025 के पहले तीन महीनों में 29 अरब डॉलर के 669 सौदे हुए, जो 2022 की समान तिमाही के बाद संख्या के लिहाज सर्वाधिक तिमाही आंकड़ा है। ग्रांट थॉर्नटन-भारत डीलट्रैकर की रिपोर्ट के अनुसार, यह आंकड़ा मात्रा के लिहाज से 2022 की जुलाई-सितंबर तिमाही के बाद का उच्चतम है।
विलय एवं अधिग्रहण (एमएंडए) और निजी इक्विटी लेनदेन से सौदा बाजार में भरमार रही।
मात्रा के लिहाज से मार्च तिमाही में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) और पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) लेनदेन को छोड़कर, 24.4 अरब डॉलर के 636 सौदे हुए, जो पिछली (अक्टूबर-दिसंबर, 2024) तिमाही से 28 प्रतिशत की वृद्धि और मूल्य में 34 प्रतिशत की वृद्धि है।
सालाना आधार पर सौदों की संख्या में 43 प्रतिशत तो मूल्य के लिहाज से 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह निवेशकों के निरंतर विश्वास और रणनीतिक निवेश के लिए एक मजबूत इच्छा को दर्शाता है।
मार्च तिमाही में छह अरब डॉलर के सौदे हुए, जो कुल सौदा मूल्य का 41 प्रतिशत रहा।
ग्रांट थॉर्नटन भारत में वृद्धि साझेदार शांति विजेता ने कहा कि मार्च तिमाही में 636 लेनदेन हुए, जिनका मूल्य 24.4 अरब डॉलर है।
यह गति 2025 में जारी रहने की उम्मीद है क्योंकि निवेशक रणनीतिक रूप से खुदरा, बैंकिंग, नवीकरणीय ऊर्जा और ई-परिवहन जैसे उच्च-वृद्धि वाले क्षेत्रों में धनराशि लगा रहे हैं।
मार्च तिमाही में अधिग्रहण और विलय के 228 सौदे हुए, जिनका कुल मूल्य 15.8 अरब डॉलर है।
भाषा अनुराग अजय
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