मुंबई, 23 फरवरी (भाषा) कोविड-19 महामारी के कारण लोगों के कार्य जीवन में बदलाव के साथ 50 प्रतिशत अधिकारी भविष्य में काम करने के तरीके को लेकर असमंजस में हैं।
एक रिपोर्ट में 54 प्रतिशत अधिकारियों या कर्मचारियों ने कार्यस्थल और कार्यबल से संबंधित भविष्य की कई योजनाएं बनाने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की है।
पीडब्ल्यूसी की ‘भारतीय लोग और संस्कृति पहले: भविष्य के कार्य की परिवर्तन यात्रा’ रिपोर्ट के अनुसार, लागत दबाव, प्रतिस्पर्धी निवेश, प्रणाली और डाटा की कमी जैसे पहलू कार्यस्थल को अधिक उपयुक्त बनाने में अधिकारियों के सामने आने वाली सबसे बड़ी बाधा है।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘भारत के लगभग 50 कार्यकारी इस बात से सहमत हैं कि कार्यस्थल और कार्यबल के लिए भविष्य में कई संभावित योजनाएं बनाने की जरूरत है। लेकिन लागत का दबाव उन्हें यह कदम उठाने से रोक रहा है।’’
पीडब्ल्यूसी की कार्य के वैश्विक भविष्य और कौशल पर रिपोर्ट 26 क्षेत्रों और विभिन्न क्षेत्रों के संगठनों की लगभग 4,000 कंपनियों और मानव संसाधन अधिकारियों की राय पर आधारित है। इसमें से 210 अधिकारी भारत से थे।
रिपोर्ट ने कहा गया है कि भारत में 48 प्रतिशत अधिकारी इस बात से सहमत हैं कि मानव कार्य को प्रौद्योगिकी के साथ बदलने से जुड़े संभावित जोखिमों की पहचान करना बहुत महत्वपूर्ण है।
वही 54 प्रतिशत अधिकारियों ने बदलते समय के साथ तालमेल बिठाने के लिए आवश्यक कौशल की पहचान के महत्व पर जोर दिया।
भाषा जतिन अजय
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