मुंबई, छह अप्रैल (भाषा) देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या के बीच अगले तीन से चार वर्षों में 14,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ करीब 48,000 अतिरिक्त इलेक्ट्रिक वाहन चार्जर लगाए जा सकेंगे। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने रिपोर्ट में कहा कि दोपहिया, तिपहिया और बस श्रेणी में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ने की संभावनाओं के बीच चार्जिंग अवसंरचना के विस्तार की अहम भूमिका होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 तक नए वाहनों की बिक्री में दोपहिया श्रेणी में 13 से 15 फीसदी वाहन बिजलीचालित होंगे, तिपहिया वाहनों की श्रेणी में 30 प्रतिशत से अधिक वाहन और बस की श्रेणी में आठ से 10 फीसदी वाहन इलेक्ट्रिक होंगे।
रिपोर्ट कहती है कि अभी देश में 2,000 से भी कम सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन हैं और उनमें से भी ज्यादातर चुनिंदा राज्यों में और मुख्य रूप से शहरी इलाकों में हैं।
इक्रा के उपाध्यक्ष एवं समूह प्रमुख शमशेर दीवान ने कहा, ‘‘ईवी चार्जिंग अवसंरचना के मामले में भारत अब भी पीछे हैं। हालांकि, अन्य देशों की तरह ही भारत में भी ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने के लिए मजबूत नीतिगत प्रयास हो रहे हैं। कई सार्वजनिक उपक्रमों और निजी कंपनियों ने चार्जिंग अवसंरचना के क्षेत्र में कदम रखने की घोषणा की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा विकल्प बैटरी अदला-बदली का है।’’
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग नेटवर्क बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने फेम (हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से विनिर्माण और उन्हें अपनाना) योजना के तहत 1,300 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
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