नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर और देश में उद्योगजगत संकट में होने के बावजूद वित्त वर्ष 2021-22 में टैक्स कलेक्शन में काफी उछाल देखने को मिला है. देश में कुल टैक्स कलेक्शन बीते वित्त वर्ष 2021-22 में 34 प्रतिशत उछाल आया है. सरकार को टैक्स के जरिए रिकॉर्ड 27.07 लाख करोड़ रुपए की इनकम हुई. रेवेन्यू सेक्रेटरी तरूण बजाज ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
टैक्स कलेक्शन टारगेट से 5 लाख करोड़ रुपए ज्यादा रहा है.
डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में उछाल से कुल संग्रह बढ़ा है. इससे टैक्स-जीडीपी रेश्यो 23 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया.
टैक्स-जीडीपी रेश्यो बढ़कर 11.7 प्रतिशत पर पहुंच गया. यह 1999 के बाद सबसे ज्यादा है. यह रेश्यो 2020-21 में 10.3 प्रतिशत था.
उन्होंने कहा कि जीडीपी में बदलाव और सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी में परिवर्तन (टैक्स बॉयोन्सी) करीब दो रहा है. यानी कर संग्रह में वृद्धि बाजार मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर के मुकाबले दोगुनी रही है.
बजाज ने कहा, ‘कई प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है. जीएसटी आंकड़ों का मिलान आयकर आंकड़ों से किया जा रहा है और अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है. इसकी वजह से बेहतर अनुपालन, डायरेक्ट और इनडायरेक्ट दोनों मोर्चों पर बेहतर राजस्व सुनिश्चित हुआ है.’
उन्होंने कहा कि सकल कर संग्रह अप्रैल 2021 से मार्च 2022 में 27.07 लाख करोड़ रुपए रहा. यह बजट में जताए गए 22.17 लाख करोड़ रुपए के अनुमान से 5 लाख करोड़ रुपए अधिक है.
कुल कर संग्रह 2021-22 में इससे पिछले वित्त वर्ष के 20.27 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले 34 प्रतिशत अधिक है.
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन इस दौरान 49 प्रतिशत उछलकर 14.10 लाख करोड़ रुपए रहा. डायरेक्ट टैक्स के अंतर्गत व्यक्तिगत आयकर और कंपनी कर आता है.
बजाज ने कहा कि डायरेक्ट टैक्स में यह बढ़ोतरी संभवत: लंबे समय बाद सर्वाधिक है.
डायरेक्ट टैक्स आइटम में कंपनी कर 56.1 प्रतिशत बढ़कर 8.58 लाख करोड़ रुपए जबकि व्यक्तिगत आयकर संग्रह 43 प्रतिशत बढ़कर करीब 7.49 लाख करोड़ रुपए रहा.
वित्त वर्ष के दौरान 2.43 इकाइयों को 2.24 लाख करोड़ रुपए आयकर वापस किए गए.
उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क समेत अप्रत्यक्ष कर संग्रह 2021-2 में 20 प्रतिशत बढ़कर 12.90 लाख करोड़ रुपए रहा. बजट में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 11.02 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया था.
इनडायरेक्ट टैक्स आइटम में सीमा शुल्क संग्रह 2021-22 में 48 प्रतिशत बढ़कर 1.99 लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा. वहीं केंद्रीय जीएसटी और उपकर 30 प्रतिशत बढ़कर 6.95 लाख करोड़ रुपए रहा. उत्पाद शुल्क संग्रह हालांकि 0.2 प्रतिशत घटकर 3.90 लाख करोड़ रुपए रहा.
बजाज के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन, इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन से अधिक रहा है और मुझे उम्मीद है कि यह स्थिति आगे भी बनी रहेगी.
भाषा के इनपुट से
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