नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) सरकार ने भारतीय हवाईअड्डों पर सुरक्षा ढांचे में बड़ा बदलाव करते हुए 3,000 से अधिक सीआईएसएफ पदों को खत्म कर दिया है। अब उनकी जगह हवाईअड्डों पर गैर-संवेदनशील ड्यूटी निजी सुरक्षा गार्ड करेंगे।
नागर विमानन मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय की तरफ से संयुक्त रूप से तैयार 2018-19 कार्य योजना को अब देश भर के 50 असैन्य हवाईअड्डों पर लागू किया जा रहा है। इसका क्रियान्वयन नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) मिलकर करेंगे।
विमानन सुरक्षा के नियामक संगठन बीसीएएस की योजना के मुताबिक, सीआईएसएफ के कुल 3,049 विमानन सुरक्षा पदों को खत्म कर दिया गया है और उनकी जगह पर 1,924 निजी सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरे और सामान के स्कैनर जैसी स्मार्ट निगरानी तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा, ‘‘इस नए सुरक्षा ढांचे से विमानन क्षेत्र में 1,900 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी। इससे सीआईएसएफ के मानव संसाधन भी बढ़ेंगे जिससे यह बल सुरक्षा दायरे में आने वाले नए हवाईअड्डों और मौजूदा हवाईअड्डों पर सुरक्षा ड्यूटी की बढ़ती जरूरतों को पूरा कर सकेगा।’’
उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से हवाईअड्डों के संचालकों का विमानन सुरक्षा पर होने वाला खर्च भी कुछ कम होगा। एक विश्लेषण में पाया गया है कि कई गैर-संवदेनशील कामों के लिए सशस्त्र सीआईएसएफ जवानों की जरूरत नहीं है और ऐसे काम निजी सुरक्षाकर्मी भी कर सकते हैं जबकि कुछ क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी की जा सकती है।
बीसीएएस के संयुक्त महानिदेशक जयदीप प्रसाद ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि निजी सुरक्षा एजेंसियों और उनके कर्मियों को मंजूरी बीसीएएस देगा और वे विमानन सुरक्षा के लिए बने नियमों से संचालित होंगे।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि दिल्ली, मुंबई तथा अन्य हवाईअड्डों पर गैर-संवदेनशील ड्यूटी के लिए निजी सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं। इनमें कतार प्रबंधन, एयरलाइन कर्मियों और यात्रियों को सुरक्षा सहायता और टर्मिनल क्षेत्र के भीतर कुछ स्थानों पर निगरानी जैसे काम शामिल हैं।
इसके साथ ही अधिकारी ने यह साफ किया कि हवाईअड्डा में प्रवेश पर यात्रियों के विवरण की जांच, यात्रियों की जांच, तोड़फोड़-रोधी अभियान, आगे की जांच और सभी आतंकवाद-रोधी सेवाएं सीआईएसएफ पहले की ही तरह देती रहेगी।
भाषा मानसी प्रेम
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