नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में खाली पड़े मकानों की संख्या 21 प्रतिशत घटकर लगभग 1.11 लाख इकाई पर आ गयी है। मकान, जमीन के बारे में परामर्श देने वाली कंपनी एनारॉक ने बताया कि बेहतर मांग और सोच-विचार कर की गयी नई आपूर्ति के कारण यह संभव हुआ है।
एनारॉक ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में बिना बिके मकानों की संख्या जून अंत में 1,10,990 इकाई रही, जो जून, 2022 में 1,41,250 इकाई थी।
एनारॉक के वाइस चेयरमैन संतोष कुमार ने कहा, “प्रतिष्ठित रियल एस्टेट कंपनियों का बढ़ता प्रभाव दिल्ली-एनसीआर में घर खरीदने वालों का विश्वास लगातार बढ़ा रहा है। कोविड-19 महामारी से पहले इस बाजार में नई कंपनियों की ओर से अधिक संख्या में आपूर्ति बोझ बनी हुई थी।”
उन्होंने कहा, “आज, अच्छी बिक्री के बावजूद प्रतिष्ठित डेवलपर आपूर्ति पर सावधानी से नजर बनाए हुए हैं।”
कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 से पहले 2019 की दूसरी तिमाही से तुलना करने पर संपूर्ण एनसीआर में बिना बिके मकानों की संख्या में कुल 39 प्रतिशत गिरावट आई है।
बिना बिके मकानों की संख्या में सबसे ज्यादा 31 प्रतिशत गिरावट नोएडा में है। इसके अलावा 26 प्रतिशत गिरावट गाजियाबाद में, 21 प्रतिशत गुरुग्राम में और 20 प्रतिशत गिरावट ग्रेटर नोएडा में है।
आंकड़ों के अनुसार, गुरुग्राम में बिना बिके मकानों का आंकड़ा चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के अंत में 46,650 इकाई रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 59,120 इकाई था।
रिपोर्ट में बताया गया कि नोएडा में यह आंकड़ा जून, 2022 के 12,150 इकाई से गिरकर जून, 2023 में 8,440 इकाई रह गया, वहीं ग्रेटर नोएडा में यह संख्या 28,870 से गिरकर समीक्षाधीन समय में 23,170 इकाई रह गई।
गाजियाबाद में बिना बिके मकानों की संख्या जून, 2022 के 18,000 इकाई से घटकर जून, 2023 में 13,385 इकाई रह गई।
दिल्ली-एनसीआर में घरों की बिक्री अप्रैल-जून, 2023 में सात प्रतिशत बढ़कर 16,450 इकाई रही, जो पिछले साल समान अवधि में 15,340 इकाई थी।
भाषा अनुराग रमण
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