नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर (भाषा) आंध्र प्रदेश, असम और गुजरात को ‘लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक’ में उपलब्धि हासिल करने वाले राज्यों की सूची में शामिल किया गया है। लॉजिस्टिक सूचकांक-2022 में कुल 15 राज्य और संघ शासित प्रदेशों को इस श्रेणी में रखा गया है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की बृहस्पतिवार को जारी एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है।
यह सूचकांक निर्यात और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए आवश्यक लॉजिस्टिक सेवाओं की दक्षता का संकेतक है।
सूचकांक में केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पुडुचेरी, सिक्किम और त्रिपुरा अन्य प्रदेशों को ‘तेजी से आगे बढ़ते’ राज्यों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
वहीं आकांक्षी श्रेणी में वर्गीकृत 15 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, मिजोरम, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, लद्दाख, नगालैंड, जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।
जबकि उपलब्धि श्रेणी में चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा पेश विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक में सुगमता (लीड्स)-2022 रिपोर्ट राज्यों को उनके लॉजिस्टिक परिवेश के आधार पर रैंकिंग प्रदान करती है। यह चौथी रिपोर्ट है।
इस सूचकांक का उद्देश्य राज्यों में लॉजिस्टिक प्रदर्शन में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना है। यह देश के व्यापार में सुधार और लेनदेन की लागत को कम करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
पहली लॉजिस्टिक रिपोर्ट, 2018 में जारी की गई थी। पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण कोई रैंकिंग जारी नहीं की गई थी। गुजरात 2018 और 2019 दोनों में रैंकिंग में शीर्ष पर था।
गोयल ने कार्यक्रम में कहा कि ‘पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ पहल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की उचित योजना और एकीकरण में मदद कर रही है।
उन्होंने कहा कि इसमें लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार करके प्रतिवर्ष लगभग 10 लाख करोड़ रुपये बचाने की क्षमता है।
भाषा रिया अजय
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