नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय इस्पात मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि कुछ इस्पात उत्पादों के आयात पर 12 प्रतिशत रक्षोपाय शुल्क लगाने के सरकार के फैसले से घरेलू उत्पादकों, मुख्य रूप से एसएमई को राहत मिलेगी, जिन्हें बढ़ते आयात के कारण भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
भारत ने सोमवार को हॉट रोल्ड कॉयल, चादर और प्लेट जैसे इस्पात उत्पादों पर 200 दिन के लिए 12 प्रतिशत अस्थायी रक्षोपाय (सेफगार्ड) शुल्क लगाया है, ताकि घरेलू कंपनियों को सस्ते आयात से बचाया जा सके।
उन्होंने कहा, ‘‘इस कदम से घरेलू उत्पादकों, खासकर छोटे और मध्यम स्तर के उद्यमों को राहत मिलेगी, जिन्हें बढ़ते आयात से भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है। रक्षोपाय शुल्क बाजार में स्थिरता बहाल करने और घरेलू उद्योग के विश्वास को मजबूत करने में मदद करेगा।’’
इस्पात मंत्रालय के बयान के अनुसार, मंत्री ने कहा कि यह उपाय घरेलू इस्पात विनिर्माताओं को आयात बढ़ने के प्रतिकूल प्रभाव से बचाने और बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए समय पर उठाया गया आवश्यक कदम है।
उन्होंने कहा कि इस्पात मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है कि घरेलू इस्पात क्षेत्र मजबूत, आत्मनिर्भर और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बना रहे।
इस बीच, टाटा स्टील के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक टी वी नरेन्द्रन ने कहा कि कुछ इस्पात आयात पर रक्षोपाय शुल्क लगाना भारत में अनुचित मूल्य पर आयात की बढ़ती समस्या से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारतीय इस्पात संघ के अध्यक्ष नवीन जिंदल ने बयान में कहा, ‘‘हम सरकार के कुछ इस्पात उत्पादों पर 12 प्रतिशत का रक्षोपाय शुल्क लगाने के फैसले का स्वागत करते हैं। यह महत्वपूर्ण कदम भारतीय विनिर्माताओं को अनुचित निर्यात से संरक्षण देगा, घरेलू उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगा और मजबूत आत्मनिर्भर भारत की ओर हमारे कदम को आगे बढ़ाएगा। हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उनके दूरदृष्टि वाले नेतृत्व और इस्पात क्षेत्र को समर्थन के लिए आभार जताते हैं।’’
भाषा
रमण अजय
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