नयी दिल्ली, छह सितंबर (भाषा) डेयरी उत्पादों, कृषि से जुड़े सामानों और खाद्य प्रसंस्करण की चीजों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती से 10 करोड़ से ज्यादा डेयरी किसानों को सीधा फायदा होगा और सहकारिता क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। सहकारिता मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जीएसटी की दरों में बदलाव से उर्वरक बनाने में लगने वाले उल्टे कर ढांचे की समस्या खत्म होगी और इससे किसानों के लिए कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने में मदद मिलेगी तथा बुआई के मौसम में उन्हें समय पर जरूरी चीजें मिल पाएंगी।
बयान के मुताबिक, डेयरी किसानों के लिए, दूध और पनीर पर जीएसटी से छूट मिलने के साथ-साथ प्रसंस्करण उपकरणों पर दरें कम होने से किसानों और डेयरी सहकारी समितियों दोनों का मुनाफा बढ़ने की उम्मीद है। अमूल जैसे प्रमुख डेयरी ब्रांडों ने भी इस फैसले का स्वागत किया है।
बयान के अनुसार, ट्रैक्टर और उसके पुर्जों की कीमतों में कमी का मुख्य तौर पर छोटे किसानों को फायदा होगा, जो मिश्रित खेती और पशुपालन में लगे हैं। बयान में कहा गया है कि इन ट्रैक्टरों का इस्तेमाल आमतौर पर चारे की खेती और खेत की पैदावार को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए होता है।
बयान के मुताबिक, यह फैसला अर्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों में मांग को बढ़ाने, जरूरी खाने-पीने की चीजों पर परिवारों का खर्च कम करने और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।
भाषा योगेश दिलीप
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