नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ में सदस्यों की संख्या बीते वित्त वर्ष (2023-24) में 1.65 करोड़ बढ़ गई जो एक साल पहले की तुलना में 19 प्रतिशत अधिक है। नियमित वेतन पाने वाले कर्मचारियों से संबंधित नवीनतम आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है।
श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, “पिछले साढ़े छह वर्षों में 6.1 करोड़ से अधिक सदस्य कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़े हैं, जो नौकरी बाजार के सामान्य होने का संकेत है।”
इन आंकड़ों से पता चलता है कि ईपीएफओ ने 2018-19 में शुद्ध रूप से 61.12 लाख सदस्य जोड़े थे, जो 2019-20 में बढ़कर 78.58 लाख हो गए।
हालांकि वित्त वर्ष 2020-21 में यह संख्या घटकर 77.08 लाख रह गई। इसके पीछे मुख्य वजह कोविड-19 महामारी थी। स्थिति सुधरने पर 2021-22 में 1.22 करोड़ नए सदस्य और 2022-23 में 1.38 करोड़ सदस्य जोड़े गए।
अधिकारी ने बताया कि ईपीएफओ में शामिल होने वाले नए सदस्यों की शुद्ध संख्या 2022-23 के 1.38 करोड़ से 19 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 2023-24 में 1.65 करोड़ हो गई।
अधिकारी ने कहा कि ईपीएफओ सदस्यता में शुद्ध बढ़ोतरी नौकरी बाजार के सामान्यीकरण की सीमा और संगठित/अर्ध-संगठित क्षेत्र के कार्यबल को सामाजिक सुरक्षा लाभ में शामिल होने का संकेत देती है।
भाषा अनुराग प्रेम
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