नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने शेयर बाजारों और अनय बाजार ढांचागत संस्थानों के लिए साइबर सुरक्षा से जुड़े ढांचे में बदलाव किया है।
इसी के साथ सेबी ने बाजार से जुड़े संस्थानों के लिए एक वित्त वर्ष में कम-से-कम दो बार व्यापक साइबर ऑडिट को अनिवार्य कर दिया है।
बाजार नियामक की तरफ से शुक्रवार को जारी परिपत्र के अनुसार इन संस्थानों को साइबर ऑडिट रिपोर्ट के अलावा प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) से एक घोषणापत्र भी जमा करवाना होगा।
इस घोषणापत्र में कंपनियों को बाजार अवसंरचना संस्थानों (एमआईआई), शेयर बाजारों, समाशोधन निगमों और डिपॉजिटरी के लिए सेबी के सभी दिशानिर्देशों के अनुपालन को प्रमाणित करना होगा।
सेबी के अनुसार नए ढांचे के तहत एमआईआई को कारोबार संचालन, सेवाओं और डेटा प्रबंधन के लिए संवेदनशीलता एवं जरुरत के आधार पर अपनी महत्वपूर्ण संपत्तियों की पहचान करानी होगी।
महत्वपूर्ण संपतियों में व्यापार की महत्वपूर्ण प्रणाली, इंटरनेट फेसिंग एप्लिकेशन/सिस्टम, संवेदनशील डेटा वाली प्रणाली, संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा, संवेदनशील वित्तीय डेटा, व्यक्तिगत रूप से पहचान योग्य जानकारी डेटा आदि शामिल होने चाहिए।
सेबी ने कहा कि नया ढांचा तत्काल प्रभाव से लागू है और सभी एमआईआई को दस दिनों के भीतर नियामक को परिपत्र को लागू करने की स्थिति के बारे में जानकारी देनी होगी।
भाषा जतिन प्रेम
प्रेम
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.