नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने बुधवार को कहा कि वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7 से 8.5 प्रतिशत के बीच रह सकती है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने हाल में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि के अपने अनुमान को घटाकर 8.2 प्रतिशत कर दिया है। यह हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान से अधिक है। आरबीआई ने घरेलू अर्थव्यवस्था में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया है।
नागेश्वरन ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था में वृद्धि के नतीजों का दायरा काफी बड़ा है। यह अंतर कहीं अधिक व्यापक हो सकता है, जो निर्णय को अधिक खतरनाक बनाता है। इसका सही अनुमान लगाने के लिए ढेर सारी किस्मत की जरूरत होती है।’’
आर्थिक समीक्षा के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था एक अप्रैल, 2022 से शुरू हुए चालू वित्त वर्ष में 8 से 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा उन्होंने दोपहर में फिच रेटिंग से चर्चा की है जिसने चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर के अपने अनुमान को 8.5 प्रतिशत पर रखा है।
भाषा जतिन अजय
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