नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) को दूसरे सीपीएसई के लिए बोली लगाने से रोक दिया है।
मंत्रालय ने कहा कि जिन सीपीएसई का निजीकरण होना है, उन्हें यदि दूसरे सीपीएसई खरीदेंगे, तो इससे विनिवेश नीति का मकसद पूरा नहीं हो पाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि यदि प्रबंधकीय नियंत्रण का हस्तांतरण सरकार से किसी दूसरे सरकारी संगठन या राज्य सरकार को होता है, तो इससे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी की ‘‘अंतर्निहित अक्षमताएं’’ बनी रह सकती हैं और ऐसे में नई पीएसई नीति का मूल उद्देश्य विफल हो जाएगा।
निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने कहा, ‘‘एक आम नीति के रूप में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसई) (केंद्र / राज्य / संयुक्त) / राज्य सरकारों / सरकारों द्वारा नियंत्रित सहकारी समितियों… को दूसरे सार्वजनिक उपक्रमों के रणनीतिक विनिवेश / निजीकरण में बोली लगाने की अनुमति नहीं है।’’
दीपम ने आगे कहा कि सार्वजनिक हित में केंद्र सरकार की विशेष अनुमति के बाद इसमें छूट दी जा सकती है।
ऐसी कंपनियां जिनमें सरकार की 51 प्रतिशत या उससे अधिक हिस्सेदारी है, उन्हें सार्वजनिक उपक्रम कहा जाता है।
भाषा पाण्डेय अजय
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