(हर्षवर्धन प्रकाश)
इंदौर, 24 अप्रैल (भाषा) यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच छिडे़ युद्ध के चलते वैश्विक बाजार में मध्य प्रदेश की शरबती एवं कठिया (ड्यूरम) जैसी मशहूर गेहूं किस्मों की मांग में जबर्दस्त इजाफा हुआ है।
मांग में तेजी आने से मध्य प्रदेश में कारोबारी अच्छी गुणवत्ता वाले गेहूं को 2,015 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी ऊपर के भाव पर खरीद रहे हैं। इसकी वजह से इस साल गेहूं की खेती करने वाले किसानों की किस्मत चमक गई है।
रूस और यूक्रेन की गिनती गेहूं के प्रमुख वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं में होती है। लेकिन इन दोनों प्रमुख गेहूं उत्पादक देशों के बीच जंग छिड़ने के कारण दोनों देशों से इसकी आपूर्ति बाधित हो गई है। इस स्थिति में कई मुल्क भारत समेत अन्य देशों से गेहूं खरीद रहे हैं। पश्चिमी देशों के लगाए प्रतिबंधों ने भी रूस के गेहूं निर्यात को घटा दिया है।
धार जिले के लोहारी बुजुर्ग गांव के किसान बनेसिंह चौहान ने रविवार को ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा, ‘‘इस बार अच्छी गुणवत्ता वाले गेहूं के लिए व्यापारी किसानों के घर भी पहुंच रहे हैं। वे 2,200 रुपये से लेकर 2,500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर शरबती किस्म का गेहूं खरीद कर किसानों को तुरंत भुगतान भी कर रहे हैं।’’
चौहान ने कहा कि उन्होंने किसानों से गेहूं खरीदने को लेकर व्यापारियों के बीच ऐसी होड़ पहले कभी नहीं देखी।
मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध निदेशक विकास नरवाल ने कहा कि खुले बाजार में गेहूं की ऊंची कीमतों के कारण सूबे में इन दिनों गेहूं की सरकारी खरीद में 30 प्रतिशत की गिरावट देखी जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘रूस-यूक्रेन संकट के कारण इस बार प्रदेश के गेहूं की निर्यात की मांग में जबर्दस्त उछाल है और मंडियों में इस खाद्यान्न की बम्पर आवक हो रही है।’
नरवाल ने बताया कि पिछले विपणन सत्र के दौरान राज्य से 1.76 लाख टन गेहूं निर्यात किया गया था, जबकि मौजूदा विपणन सत्र में पिछले एक महीने के भीतर ही करीब 2.5 लाख टन गेहूं निर्यात किया जा चुका है और अभी सत्र खत्म होने में करीब दो महीने बाकी हैं।
उन्होंने बताया कि व्यापारी मध्यप्रदेश के किसानों से शरबती और ड्यूरम गेहूं खरीद कर मुख्यतः संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बांग्लादेश, वियतनाम और फिलीपींस को निर्यात कर रहे हैं।
नरवाल ने कहा, ‘इस बार अफ्रीका और इस महाद्वीप से लगे मुल्कों के आयातक भी मध्य प्रदेश के गेहूं में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश का गेहूं मिस्र, जिम्बाब्वे, मोजांबिक और तंजानिया तक भी पहुंच सकता है।’
उन्होंने बताया कि राज्य में 2021-22 रबी सत्र के दौरान 95.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुआई हुई थी और इसका उत्पादन 346.70 लाख टन रहने का अनुमान है।
भाषा हर्ष
शोभना प्रेम
प्रेम
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.