मुंबई, चार मई (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति की बिना तय कार्यक्रम के आयोजित बैठक में लिए गए मुख्य फैसले:
* नीतिगत दर (रेपो) को तत्काल प्रभाव से 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.4 प्रतिशत किया गया।
* अगस्त, 2018 से नीतिगत दर में पहली बढ़ोतरी, कॉरपोरेट और आम लोगों के लिए उधार की लागत बढ़ेगी।
* नकद आरक्षित अनुपात को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत किया गया, 21 मई से प्रभावी।
* एमपीसी ने दो मई और चार मई को बिना तय कार्यक्रम के बैठक आयोजित कर मुद्रास्फीति की स्थिति का पुनर्मूल्यांकन किया।
* आरबीआई ने उदार नीति बनाए रखने का फैसला किया। साथ ही महंगाई को लक्ष्य के भीतर रखने के लिए उदार रुख को धीरे-धीरे वापस लेने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
* वैश्विक जिंस कीमतों के चलते भारत में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ रही है।
* प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में कोविड-19 संक्रमण के मामले फिर से बढ़ने लॉकडाउन और आपूर्ति श्रृंखला संबंधी व्यवधान से लॉजिस्टिक लागत बढ़ सकती है।
* भारतीय अर्थव्यवस्था भू-राजनीतिक परिस्थितियों में गिरावट का सामना करने में सक्षम है।
* उर्वरक की कीमतों में उछाल और अन्य लागत का भारत में खाद्य कीमतों पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
* वैश्विक स्तर पर गेहूं की कमी से घरेलू कीमतें प्रभावित हो रही हैं, भले ही घरेलू आपूर्ति पर्याप्त बनी रहे।
* एमपीसी की अगली बैठक 6-8 जून को होगी।
भाषा पाण्डेय अजय
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