नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (भाषा) देश की सबसे बड़ी वाहन विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी का एकीकृत शुद्ध लाभ 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 51.14 प्रतिशत उछलकर 1,875.8 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने शुक्रवार को शेयर बाजार को बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 की जनवरी-मार्च तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 1,241.1 करोड़ रुपये था।
इसके अलावा बीते वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में कंपनी की परिचालन आय बढ़कर 26,749.2 करोड़ रुपये हो गई, जो वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में 24,034.5 करोड़ रुपये थी।
मारुति ने आलोच्य तिमाही के दौरान 4,88,830 वाहन बेचे, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 0.7 प्रतिशत कम है।
कंपनी के अनुसार पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 11.6 प्रतिशत घटकर 3,879.5 करोड़ रुपये रह गया। एक साल पहले इसी अवधि में यह 4,389.1 करोड़ रुपये था।
वहीं बीते वित्त वर्ष में कंपनी की एकीकृत परिचालन आय 88,329.8 करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2020-21 की जनवरी-मार्च तिमाही में 70,372 करोड़ रुपये थी।
मारुति सुजुकी ने कहा, ‘‘बीते वित्त वर्ष के दौरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की कमी के कारण लगभग 2,70,000 वाहनों का उत्पादन प्रभावित हुआ। इसमें ज्यादातर घरेलू मॉडल थे। इसकी वजह से वित्त वर्ष के अंत में लगभग 268,000 वाहनों की ग्राहक बुकिंग लंबित थी।’’
वाहन विनिर्माता कंपनी के अध्यक्ष आरसी भार्गव ने ‘ऑनलाइन’ माध्यम से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कंपनी को वित्त वर्ष 2021-22 की शुरुआत में कोविड-19 की दूसरी लहर के साथ सेमीकंडकटर की कमी और कच्चे माल की बढ़ती कीमतों में चुनौतियों का सामना करना पड़ा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सेमीकंडक्टर की कमी केवल मारुति के लिए नहीं बल्कि वाहन उद्योग की अन्य कंपनियों के लिए भी उत्पादन में कमी का एक प्रमुख कारण रही है। उन्होंने कहा कि वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि ने उत्पादों के मूल्य तय करने के निर्णय को भी प्रभावित किया है।’’
भार्गव ने नए वाहन पेश करने के सवालों पर कहा कि महामारी के कारण कंपनी ने बहुत कम नए वाहन पेश किये, लेकिन इस पूरे साल ‘कई नए वाहन’ पेश किये जायेंगे।
भाषा जतिन
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