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Sunday, 6 October, 2024
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महंगाई को काबू में लाने के लिये नीतिगत दर में वृद्धि ‘राष्ट्र विरोधी कदम’ नहीं : राजन

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नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बैंक को महंगाई को काबू में लाने के लिये नीतिगत दर बढ़ाने की जरूरत होगी और इस वृद्धि को राजनेताओं तथा नौकरशाहों को ‘राष्ट्र-विरोधी’ कदम के रूप में नहीं लेना चाहिए।

बेबाक राय रखने के लिये चर्चित राजन के अनुसार यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ‘मुद्रास्फीति के खिलाफ अभियान’ कभी समाप्त नहीं होता।

उन्होंने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘लिंक्ड इन’ पर लिखा है, ‘‘भारत में मुद्रास्फीति बढ़ रही है। एक समय पर आरबीआई को दुनिया के अन्य देशों की तरह नीतिगत दर बढ़ानी पड़ेगी।’’

खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी से खुदरा महंगाई मार्च में 17 महीने के उच्चस्तर 6.95 प्रतिशत पर पहुंच गयी। यह आरबीआई के संतोषजनक स्तर से ऊपर है। वहीं कच्चे तेल और जिंसों के दाम में तेजी से थोक महंगाई दर मार्च महीने में चार महीने के उच्चस्तर 14.55 प्रतिशत पर पहुंच गयी।

फिलहाल शिकॉगो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रोफेसर राजन ने कहा, ‘‘राजनेताओं और नौकरशाहों को यह समझना होगा कि नीतिगत दर में वृद्धि कोई राष्ट्र विरोधी कदम नहीं है, जिससे विदेशी निवेशकों को लाभ हो। बल्कि यह आर्थिक स्थिरता के लिये उठाया गया कदम है, जिसका सबसे ज्यादा लाभ देश को ही होता है।’’

उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बैंक ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में महंगाई में तेजी के बावजूद आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से नीतिगत दर रेपो को लगातार 11वीं बार निचले स्तर पर बरकरार रखा था।

भाषा रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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