मुंबई, 21 अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बृहस्पतिवार को आगाह किया कि भारत की ‘अल्पसंख्यक विरोधी’ छवि से भारतीय उत्पादों के लिए बाजार का ‘नुकसान’ हो सकता है।
उन्होंने साथ ही कहा कि इसके चलते विदेशी सरकारें भारत को एक गैर-भरोसेमंद साझेदार मान सकती हैं।
उन्होंने भारत में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की चिंताओं के बीच यह बात कही।
उन्होंने कहा कि भारत की साख लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के लिए रही है, लेकिन अब उसे छवि की लड़ाई लड़नी पड़ रही है।
राजन ने टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकनॉमिक कॉन्क्लेव में कहा, ‘‘अगर हमारी छवि एक ऐसे लोकतांत्रिक देश की बनती है, जो अपने सभी नागरिकों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करता है, तो गरीब देश के रूप में हमें अधिक सहानुभूति मिलती है। उपभोक्ता कहते हैं कि मैं ऐसे देश से सामान खरीद रहा हूं, जो सही काम करने की कोशिश कर रहा है। इस तरह हमारा बाजार बढ़ता है।’’
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में गर्मजोशी भी इस तरह की धारणाओं से तय होती है।
भाषा पाण्डेय अजय
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