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Wednesday, 24 April, 2024
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भारतीयों को 2000 करोड़ का चूना लगाने वाले पूर्व इंफोसिस टेकी को दुबई से भगाया गया

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अमित भारद्वाज, जिसने कथित तौर पर 2,000 करोड़ रुपये का चूना लगाकर कई लोगों को ठगा और दुबई चला गया, बुधवार को भारत पहुंचा और जाँच एजेंसियों को सौंप दिया गया है।

नई दिल्लीः  दिप्रिंट को पता चला है कि इंफोसिस का एक पूर्व सॉफ्टवेयर डेवलपर और स्टॉक ब्रोकर, एक लुभावनी योजना बिटकॉइन का उपयोग करके लगभग 2000 करोड़ का चूना लगाकर दुबई के लिए चंपत हो गया था, को अब भारत लाया गया है।

इमिग्रेशन विभाग के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि भगोड़ा, अमित भारद्वाज, बुधवार की दोपहर को दुबई से भारत पहुंचा और उसके खिलाफ लगे धोखाधड़ी के मामलों में जांच के लिए उसे जांच एजेंसियों को सौंप दिया गया था।

“दुबई ने वीजा उल्लंघन के लिए भारद्वाज को दुबई से बाहर निकाल दिया। एक बार जब वह भारत पहुंचा तो उसे हवाई अड्डे पर रोक कर रखा गया और जांच एजेंसियों को सूचित किया गया। इसके बाद उसे जाँच एजेंसियों के हवाले कर दिया गया।”

भारद्वाज ने कथित तौर पर दिल्ली साथ ही साथ महाराष्ट्र के पुणे, नांदेड़, मुंबई और कोल्हापुर के निवेशकों को चूना लगाया है। जबकि दिल्ली में प्रशांत विहार का भी एक मामला दर्ज किया गया है और साथ ही कई अन्य मामले दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के संज्ञान में आए हैं।

भारद्वाज की योजना के मुताबिक, उसने लोगों को झांसा दिया कि वह एक बिटकॉइन की खरीद पर अगले आने वाले ढेड़ साल तक हर महिने उस बिटकॉइन की कीमत का 10 प्रतिशत या अधिक मूल्य देगा। इसका मतलब यह था कि 18 महीने की अवधि के अंत में, एक निवेशक का पैसा जो उसने निवेश किया था, उसका लगभग दोगुना हो जाना चाहिए था।

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बिटकॉइन के सभी लेन-देन बाइटेक्स के द्वारा किए गए थे, जो मुद्रा के लिए एक वॉलेट बैंक है। परिणाम स्वरूप, इसमें भारतीय मुद्रा की कोई भागीदारी नहीं थी और इसलिए कर भरने का कोई दायित्व भी नहीं था। सभी लेन-देन बिटेक्स के माध्यम से बिटकॉइन में हुआ, मुद्रा के लिए एक बैंक वॉल्ट। नतीजतन, भारतीय मुद्रा का कोई सहभाग नहीं था और इसलिए कोई कर दायित्व नहीं था।

हालांकि, कथित तौर पर जो भी वादा किया गया था वह पूरा नहीं किया गया था। जैसा कि बिटकॉइन की कीमतों में भारी वृद्धि हुई, जिसके कारण निवेशकों को एक भारी रिटर्न मिलना था, जिसपर भारद्वाज की नियत बिगड़ गई और उसने इस ठगी को अंजाम दिया।

पिछले साल, महाराष्ट्र पुलिस ने ठगे गए 2,000 करोड़ रूपये की छानबीन करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय को अनुबंधित किया था। भारद्वाज के खिलाफ एक लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था, जो कि ज्यादातर मामलों में अभी तक किसी भी अपराधी को जारी नहीं किया गया है।

अब भारद्वाज को पूछताछ के बाद गिरफ्तार भी किया जा सकता है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि “उसके विभिन्न मामलों में शामिल होने पर पूछताछ की जा रही है और अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है।”

“राज्यों में उसके खिलाफ दर्ज कई शिकायतों को भी देखा जा रहा है। उसने कहा, चूंकि मेरे खिलाफ एक लुकआउट नोटिस जारी किया गया था जिसके चलते अप्रवास मंत्रालय ने मुझे तुरंत ही देशांतरण के बारे में सूचित किया था।”

भारद्वाज शालीमार बाग, दिल्ली के एक पूर्व सरकारी कर्मचारी का बेटा है, जो अब दुबई की अल्ट्रा-मार्केट बुर्ज खलीफा में एक आलीशान घर का मालिक है, उनको अपने पासपोर्ट और कंपनियों की बैलेंस शीट के साथ अपने दस्तावेज जमा करने के लिए कहा गया है।

सूत्रों के अनुसार, भारद्वाज के पिता वित्त मंत्रालय में एक कर्मचारी थे जिससे उन्हें अर्थशास्त्र में पहले से ही बेहतर ज्ञान था। शेयर दलाल (स्टॉक ब्रोकर) बनने से पहले उन्होंने कुछ समय तक इंफोसिस के साथ काम किया था।

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