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ब्याज दर बढ़ने से संपत्ति के बदले कर्ज लेने वाले लघु उद्यमों के लिए चूक का जोखिम: मूडीज

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नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (भाषा) ब्याज दरों में वृद्धि के कारण पुनर्भुगतान राशि बढ़ गई है और संपत्ति के बदले कर्ज लेने वाले एसएमई (लघु एवं मझोले उद्यम) कर्जदारों के लिए पुनर्वित्त के विकल्प सीमित हो गए हैं। ऐसे में इन कर्ज को लेकर चूक का जोखिम बढ़ गया है।

मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने सोमवार को यह आशंका जाहिर की।

मूडीज ने कहा, ”यहां तक कि अगर आरबीआई नीतिगत दर में वृद्धि अब रोक देता है, तो भी पुनर्भुगतान की राशि एसएमई कर्जदारों की ऋण चुकाने की क्षमता पर भार डालेगी। इसके अलावा, पिछले वर्ष ब्याज दर में हुए बढ़ोतरी ने इस संभावना को कम कर दिया है कि संपत्ति के बदले कर्ज ले रखे कर्जदार ऋण अदायगी में परेशानी होने पर अधिक उदार शर्तों पर पुनर्वित्त प्राप्त करने में सक्षम होंगे।”

एजेंसी ने कहा कि पिछले एक साल में ब्याज दरों में बढ़ोतरी ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए वित्त पोषण की लागत में वृद्धि की है।

एनबीएफसी ने वित्त पोषण की लागत बढ़ने पर संपत्ति के बदले कर्ज लेने वाले छोटे और मझोले उद्यमों से संबंधित कर्जदारों के लिए ब्याज दरों में वृद्धि की है। ऐसे में यह आशंका बढ़ रही है कि ये कर्ज अदा करने में चूक कर सकते हैं।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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