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Friday, 15 November, 2024
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बीते वित्त वर्ष में भारत का तेल खली निर्यात 37 प्रतिशत घटकर 5,600 करोड़ रुपये पर

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नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) विदेशी बाजारों में सोयाबीन तेल खली की बिक्री कम होने की वजह से पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का तेल खली निर्यात 36 प्रतिशत घटकर 23.73 लाख टन रह गया। मूल्य के लिहाज से निर्यात 37 प्रतिशत घटकर 5,600 करोड़ रुपये का रह गया। खाद्य तेल उद्योग के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने एक बयान में कहा कि मार्च, 2022 में 2,42,043 टन तेल खली का निर्यात हुआ, जो मार्च, 2021 में हुए 3,22,850 टन के निर्यात की तुलना में 25 प्रतिशत कम है।

पिछले वित्त वर्ष के दौरान तेल खली का कुल निर्यात, वर्ष 2020-21 के 36,89,483 टन की तुलना में 23,73,744 टन रहा।

मूल्य के लिहाज से, तिलहन का निर्यात 2021-22 में घटकर 5,600 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले वर्ष में 8,866 करोड़ रुपये का हुआ था।

पिछले वित्त वर्ष में सोयाबीन खली की कम विदेश भेजी जानेव वाली खेप घट गई,ख् जिससे निर्यात नीचे आया। यह वित्त वर्ष 2021-22 में एक साल पहले के 15,64,833 टन से घटकर 3,72,740 टन रह गया।

एसईए ने कहा, ‘‘भारत में सोयाबीन दाने की कीमत मौजूदा समय में 7,600 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक है।’’

मौजूदा समय में, निर्यात के लिए भारतीय सोयाबीन खली की कीमत अधिक है, क्योंकि कांडला बंदरगाह पर बोली जाने वाली दर 840 डॉलर प्रति टन है, जबकि ब्राजील और अर्जेंटीना से आने वाली प्रत्येक टन की खेप के लिए यह दर क्रमशः 574 डॉलर और 586 डॉलर है।

एसईए ने कहा, ‘‘घरेलू सोयाबीन दाने की अधिक कीमत के कारण निकट भविष्य में भारत के निर्यात के लिए प्रतिस्पर्धी होने की संभावना कम है। सोयाबीन की पेराई कम है क्योंकि किसान ऊंचा दाम पाने की उम्मीद में इसका भंडार रखते हैं। ’’

वर्ष 2020-21 में, भारत ने अमेरिका को लगभग 2,25,000 टन जैविक सोयाबीन खली का निर्यात किया था। हालांकि, निर्यात की खेप पिछले वित्त वर्ष में घटकर सिर्फ 65,000 टन रह गया।

यूरोपीय देशों में भारत से सोयाबीन तेल खली की अच्छी मांग है क्योंकि यह केवल बगैर-जीन संवर्धन वाले सोयाबीन खली का उत्पादन करता है।

रैपसीड खली के मामले में, वर्ष 2021-22 के दौरान निर्यात घटकर 8,66,407 टन रह गया, जो वर्ष 2020-21 में 11,13,021 टन का हुआ था। इस दौरान दक्षिण कोरिया, थाइलैंड, वियतनाम और बांग्लादेश ने भारत से कम मात्रा में रैपसीड खली की खरीद की।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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