नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने प्रमुख बंदरगाहों पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) वाली अटकी परियोजनाओं के शीघ्र समाधान के लिए दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दे दिया है। एक आधिकारिक दस्तावेज से यह जानकारी मिली है।
पीटीआई-भाषा के पास मौजूद दस्तावेज के अनुसार, इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य दबाव वाली संपत्तियों की श्रेणी में आने वाली परियोजनाओं का पुनरुद्धार करना है। इन दिशानिर्देशों से मुकदमेबाजी में फंसे मामलों के समाधान का भी रास्ता खुलेगा।
दस्तावेज के अनुसार, बंदरगाह संपत्तियों को दोबारा बोली लगाकर फिर से इस्तेमाल में लाया जाएगा। इससे करीब 2.7 करोड़ टन की कार्गो रखरखाव क्षमता को इस्तेमाल के लिए ‘खोला’ जा सकेगा।
दस्तावेज में कहा गया है कि इससे संभावित निवेशकों के लिए कारोबार के बेहतर अवसर पैदा होंगे और बंदरगाह प्राधिकरण को राजस्व मिलना शुरू होगा।
इसके मुताबिक, अटकी परियोजनाओं के त्वरित समाधान से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। साथ ही इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
भाषा अजय अजय प्रेम
प्रेम
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.