नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) देश में फिल्म वितरण के बारे में बाजार से संबंधित अध्ययन कर रहा है। आयोग के इस कदम का उद्देश्य उद्योग के भीतर स्व-नियामन की संभावनाओं की तलाश करना है ताकि इसमें प्रतिस्पर्धी परिदृश्य बना रहे।
सीसीआई बाजार में अनैतिक तौर-तरीकों पर नजर रखता है। उसके पास फिल्म उद्योग से संबंधित मामले भी आते रहते हैं।
सीसीआई के चेयरपर्सन अशोक कुमार गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘फिल्म वितरण संबंधी बाजार का अध्ययन शुरू किया गया है जिससे फिल्म वितरण श्रृंखला में प्रतिस्पर्धी-रोधी तौर-तरीकों को लेकर क्या चिंताएं हैं और प्रतिस्पर्धा की स्थिति क्या है, इस तरह के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी मिलेगी।
यह अध्ययन ऐसे समय किया जा रहा है जब फिल्म उद्योग में डिजिटलीकरण और ओटीटी मंच महत्वपूर्ण कारक बनते जा रहे हैं।
गुप्ता ने कहा कि बाजार गतिशीलता और निर्माण के बारे में बेहतर समझ हासिल करने के लिए सीसीआई ने अध्ययन शुरू किया है। इसके साथ ही यह पता लगाने का इरादा भी है कि उद्योग में प्रतिस्पर्धी परिदृश्य सुनिश्चित करने के लिए क्या यहां स्व-नियामक व्यवस्था बन सकती है।
सीसीआई प्रमुख ने कहा कि सिनेमा के डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ नए मुद्दे भी सामने आएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ओटीटी और अन्य मंच सामग्री के वितरण में अहम चैनल बनते जा रहे हैं। यह अध्ययन इन परिवर्तनों का भारत में पारिस्थितिकी पर प्रभाव का पता लगाएगा।’’
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