(दीपक पटेल)
नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) विमानन क्षेत्र के नियामक डीजीसीए ने फिर से परिचालन शुरू करने की कोशिशों में लगी जेट एयरवेज को विमान परिचालक प्रमाणपत्र (एओसी) दे दिया है, जिससे एयरलाइन के दोबारा वाणिज्यिक उड़ानें शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के प्रमुख अरुण कुमार ने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि जेट एयरवेज को ‘‘एओसी’’ दे दी गई है।
इससे पहले जेट एयरवेज का स्वामित्व नरेश गोयल के पास था लेकिन कर्ज का बोझ बढ़ने और बकाया भुगतान में नाकाम रहने पर 17 अप्रैल 2019 को इसका परिचालन बंद हो गया था।
हालांकि, कर्ज समाधान प्रक्रिया से गुजरने के बाद जेट एयरवेज का नियंत्रण फिलहाल जालान-कलरॉक कंसोर्टियम के पास है। इसने एयरलाइन को फिर से संचालित करने के लिए पिछले कुछ महीनों में लगातार प्रयास किए हैं।
विमान परिचालक प्रमाणपत्र मिलने के बाद जेट एयरवेज जुलाई-सितंबर तिमाही में वाणिज्यिक उड़ान का संचालन फिर से शुरू कर सकती है।
डीजीसीए के अधिकारियों के साथ एयरलाइन ने 15 और 17 मई को पांच परीक्षण उड़ानें सफलतापूर्वक संचालित की थीं।
जेट एयरवेज ने एक बयान में कहा कि एओसी मिलने के साथ जालान-कलरॉक कंसोर्टियम ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा मंजूरी प्राप्त समाधान योजना की सभी शर्तों को पूरा कर लिया है।
बयान के मुताबिक, ‘‘विमान और बेड़े की योजना, नेटवर्क, उत्पाद और ग्राहकों को बेहतर पेशकश, लॉयल्टी कार्यक्रम और अन्य विवरणों के बारे में आने वाले हफ्तों में चरणबद्ध तरीके से बताया जाएगा।’’
कंपनी अगले सप्ताह वरिष्ठ प्रबंधन स्तर पर नियुक्तियों की घोषणा करेगी और परिचालन भूमिकाओं के लिए भर्ती भी शुरू की जाएगी। कंपनी ने कहा कि भर्तियों में हरसंभव स्तर पर जेट एयरवेज के पूर्व कर्मचारियों को वरीयता दी जाएगी।
जालान-कलरॉक कंसोर्टियम के प्रमुख सदस्य मुरारी लाल जालान ने कहा, ‘‘आज न केवल जेट एयरवेज के लिए बल्कि भारतीय विमानन उद्योग के लिए भी एक नई सुबह है। हम इसे भारतीय विमानन क्षेत्र और भारतीय व्यापार जगत में एक असाधारण सफलता की कहानी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
भाषा पाण्डेय प्रेम
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