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Saturday, 1 June, 2024
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जीएसटीएन ने तंबाकू विनिर्माताओं की मशीनों को पंजीकृत करने के लिए विशेष प्रक्रिया शुरू की

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नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने पान मसाला, गुटखा और इसी तरह के तंबाकू उत्पादों के विनिर्माताओं के लिए उनकी मशीनों को पंजीकृत कराने को लेकर एक विशेष प्रक्रिया शुरू की है। इस पहल का मकसद कर चोरी को रोकना है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक अप्रैल से पान मसाला और तंबाकू उत्पादों के विनिर्माताओं के लिए जीएसटी अनुपालन में सुधार के लिए एक नई पंजीकरण तथा मासिक रिटर्न दाखिल प्रक्रिया शुरू करने की जनवरी में घोषणा की थी। बाद में इस तारीख को मई तक बढ़ा दिया गया था।

जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) नेटवर्क ने 16 मई को करदाताओं को सूचित किया कि ऐसे विनिर्माताओं के लिए जीएसटी एसआरएम-आई फॉर्म के जरिए अपनी मशीन से संबंधित जानकारी जमा करने की ऑनलाइन सुविधा जीएसटी मंच पर शुरू की गई है।

जीएसटीएन ने वेबसाइट पर एक सूचना में कहा, ‘‘ शुरुआत के तौर पर फॉर्म जीएसटी एसआरएम-आई में जानकारी दाखिल करने के लिए जीएसटी मंच पर मशीनों को पंजीकृत करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उत्पादों (पान मसाला, गुटखा) का कारोबार करने वाले सभी करदाता मशीनों के बारे में जानकारी दाखिल करने के लिए इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं।’’

फॉर्म जीएसटी एसआरएम-II (रिटर्न फाइलिंग के लिए) भी शीघ्र ही मंच पर उपलब्ध कराया जाएगा।

लेखा और परामर्श कंपनी मूर सिंघी के कार्यकारी निदेशक रजत मोहन ने कहा कि यह कदम नियामक निरीक्षण और अनुपालन को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मूर सिंघी, मूर ग्लोबल की भारतीय परामर्श शाखा है।

मोहन ने कहा, ‘‘ जीएसटी एसआरएम-I के लिए एक ऑनलाइन उपयोगिता की शुरुआत से मशीनरी तथा उत्पादन प्रक्रियाओं की बेहतर ‘ट्रैकिंग’ की सुविधा मिलेगी, जिससे कर चोरी पर अंकुश लगाने और उचित कर प्रबंधन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे आवश्यकताओं का अनुपालन करने और गैर-अनुपालन के किसी भी संभावित दंड से बचने के वास्ते मशीन पंजीकरण के लिए जीएसटी मंच की नई सुविधा का तुरंत इस्तेमाल करें।’’

ऐसे व्यवसायों के पंजीकरण, रिकॉर्ड-रखने और मासिक ‘फाइलिंग’ में आमूलचूल बदलाव का मकसद पान मसाला और तंबाकू उत्पादों के विनिर्माताओं के लिए जीएसटी अनुपालन में सुधार करना है।

वित्त विधेयक 2024 के जरिए जीएसटी कानून में भी संशोधन किया गया। इसमें कहा गया कि पान मसाला, गुटखा और इसी तरह के तंबाकू उत्पादों के विनिर्माताओं को एक लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा, यदि वे एक अप्रैल से अपनी पैकिंग मशीनरी को जीएसटी अधिकारियों के पास पंजीकरण कराने में विफल रहते हैं।

हालाकि, इस दंड प्रावधान को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है।

भाषा निहारिका रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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