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Tuesday, 12 November, 2024
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चीनी मिलें एथनॉल इकाई लगाने का छह महीने में दे सकती हैं प्रस्ताव

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नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने चीनी मिलों के लिए नई डिस्टिलरी स्थापित करने या मौजूदा संयंत्रों के विस्तार को लेकर रियायती ब्याज दर पर ऋण लेने के लिए नए प्रस्ताव देने हेतु अक्टूबर तक का समय दिया है।

खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण कर चुके एवं पर्यावरणीय मंजूरी ले चुके गंभीर प्रस्तावक ही छह महीने के भीतर एथेनॉल क्षमता स्थापित करने के नए प्रस्ताव रख सकते हैं।

इस बारे में एक आधिकारिक प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘छह महीने की यह अवधि 21 अप्रैल से 22 अक्टूबर 2022 तक रहेगी।’

खाद्य मंत्रालय के अनुसार, इस निर्णय से चीनी मिलों को नई डिस्टिलरी स्थापित करने या अपनी मौजूदा डिस्टिलरी का विस्तार करने में सुविधा होगी और इस तरह अतिरिक्त गन्ना या चीनी को एथनॉल में बदलने में मदद मिलेगी।

मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘नई अनाज-आधारित डिस्टिलरी उत्तर-पूर्वी राज्यों, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार एवं मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में लगेंगी। इससे एथनॉल के विस्तारित उत्पादन में मदद मिलेगी।’

सरकार ने वर्ष 2018 से चीनी मिलों एवं डिस्टिलरी को आसान कर्ज देने के लिए एक योजना लागू की हुई है जिसका उद्देश्य एथनॉल उत्पादन और इसकी आपूर्ति को एथनॉल-मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत बढ़ाना है। इससे चीनी मिलों को किसानों का गन्ना मूल्य बकाया चुकाने में सक्षम बनाया जा सकेगा।

सरकार ने वर्ष 2022 तक पेट्रोल के साथ ईंधन-ग्रेड एथनॉल मिश्रण की सीमा 10 प्रतिशत और वर्ष 2025 तक 20 प्रतिशत का लक्ष्य निर्धारित किया है।

खाद्य मंत्रालय ने कहा, ‘वर्ष 2025 तक 20 प्रतिशत मिश्रण का ल्क्ष्य हासिल करने के लिए एथनॉल उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर लगभग 1700 करोड़ लीटर करने की जरूरत है। छह महीने का यह समय देने से एथनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।’

फिलहाल देश की कुल एथनॉल उत्पादन क्षमता 849 करोड़ लीटर है।

भाषा प्रेम रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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