नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईईपीसी) ने सोमवार को उम्मीद जताई कि सरकार के शुल्क से संबंधित कदमों से घरेलू बाजार में इस्पात उत्पादों की कीमतों में 10 से 15 प्रतिशत गिरावट आएगी। उल्लेखनीय है इस्पात उत्पादों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, जिसके मद्देनजर सरकार ने शुल्क के मोर्चे पर कुछ कदम उठाए हैं।
कुछ इस्पात वस्तुओं पर निर्यात शुल्क लगाने के सरकार के कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन महेश देसाई ने कहा कि इंजीनियरिंग सामान विनिर्माताओं और निर्यातकों को इस कदम से लाभ होगा और वैश्विक बाजारों में वें अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे।
देसाई ने बयान में कहा, ‘‘इस्पात निर्यातकों को लगता है कि प्राथमिक इस्पात उत्पादों की कीमतों में 10 प्रतिशत की कमी आएगी। वहीं द्वितीयक इस्पात उत्पादकों के लिए दाम 15 प्रतिशत घटेंगे।’’
वहीं रियल एस्टेट कंपनियों के निकाय क्रेडाई और नारेडको ने भी इस्पात और सीमेंट की कीमतों में कमी लाने के लिए सरकार के कदमों की सराहना की है। उद्योग निकायों ने उम्मीद जताई है कि विनिर्माता इसका लाभ अपने ग्राहकों को भी देंगे।
क्रेडाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन पटोदिया ने कहा कि इस्पात उत्पादों पर आयात शुल्क कम करने के सरकार के कदम से सभी हितधारकों को राहत मिलनी चाहिए।
क्रेडाई और नारेडको दोनों पिछले एक साल से इस्पात और सीमेंट की कीमतों में आई तेजी का मुद्दा उठाते रहे हैं। उत्पादों की उच्च कीमतों से समग्र निर्माण लागत में वृद्धि हुई है। वहीं कई बिल्डरों ने निर्माण लागत में वृद्धि की भरपाई के लिए घरों की कीमतें बढ़ा दी हैं।
सरकार ने बीते शनिवार को इस्पात उद्योग द्वारा उपयोग किए जाने वाले कोकिंग कोल और फेरो-निकेल सहित कुछ कच्चे माल के आयात पर सीमा शुल्क समाप्त करने की घोषणा की थी।
भाषा रिया रिया अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.