नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) उद्योग संगठनों ने सीमेंट, इस्पात उद्योगों में निजी उपयोग वाले बिजलीघरों समेत गैर-विनियमित क्षेत्रों को कोयला की आपूर्ति में कमी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा है कि मांग बढ़ने के कारण उद्योग बाजार से ऊंची दरों पर बिजली खरीदने को मजबूर हैं।
संगठनों की तरफ से यह मांग उस समय की गई है जब देश में कई बिजली संयंत्र कोयले की कमी का सामना कर रहे हैं।
कोयले की निरंतर कमी के कारण संकट से जूझ रहे विनिर्माण क्षेत्र के एक प्रमुख खंड, एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) और निजी उपयोग वाले बिजली संयंत्र वाले उद्योग ने संयुक्त रूप से दस उद्योग संघों के एक समूह के जरिए प्रधानमंत्री को भेजे प्रतिवेदन में अपनी बात रखी है।
उद्योग संगठनों ने कहा कि लंबे समय तक ईंधन की कम आपूर्ति के कारण कई उद्योगों जैसे एल्युमीनियम, सीमेंट, इस्पात के लिए उनके निजी उपयोग वाले बिजली संयंत्रों पर गहरा असर पड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान स्थिति में उद्योग और विशेषकर प्रसंस्करण संयंत्र, बाजार से ऊर्जा खरीदने को मजबूर है। इसके कारण बिजली की मांग और बाजार में इसकी दर में महत्वपूर्ण रूप से वृद्धि हुई है।’’
उद्योग संगठन के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में निजी उपयोग वाले बिजली संयंत्र, इस्पात, सीमेंट और स्पंज लौह जैसे क्षेत्रों में कोयले की आपूर्ति को 32 प्रतिशत तक कम कर दिया गया है।
भाषा जतिन रमण
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