नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) स्वराज इंजन लिमिटेड का मानना है कि भारत में कृषि की स्थिति में सुधार लाने की ओर सरकार द्वारा दिये जा रहे प्रयासों तथा ग्रामीण आय बढ़ाने के लिए उसके द्वारा की गई विभिन्न पहल से ट्रैक्टर मांग की गति बरकरार रखने में मदद मिलने की संभावना है। हालांकि, उद्योग की ट्रैक्टर बिक्री में सात प्रतिशत की गिरावट आई है।
एमएंडएम स्वराज डिविजन द्वारा निर्मित ट्रैक्टर के लिए डीजल इंजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी ने वर्ष 2023-24 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि देश में बढ़ता बागवानी क्षेत्र कमतर हॉर्सपावर (एचपी) बाजार में ट्रैक्टर की पहुंच बढ़ाने के अच्छे अवसर प्रदान करता है।
इसने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 में घरेलू ट्रैक्टर उद्योग ने 8,75,700 इकाइयों का उत्पादन किया, जो पिछले वित्त वर्ष 2022-23 के 9,45,300 इकाइयों की तुलना में सात प्रतिशत की गिरावट है, जिसका मुख्य कारण अनियमित और असमान वर्षा वितरण है, जिसने खरीफ उत्पादन को प्रभावित किया है।
स्वराज इंजन ने अपनी प्रबंधन चर्चा और विश्लेषण में परिदृश्य और अवसरों पर कहा कि वित्तपोषण की पर्याप्त उपलब्धता के साथ बढ़ता सामर्थ्य, श्रमबल की बढ़ती कमी के कारण कृषि मशीनीकरण की बढ़ती मांग, कृषि क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों के उद्भव जैसे कारक ट्रैक्टर मांग की गति को बनाए रखेंगे।
स्वराज इंजन ने कहा कि भारतीय ट्रैक्टर उद्योग पारंपरिक रूप से हॉर्सपावर (एचपी) के आधार पर व्यापक रूप से विभाजित किया गया है – 30 एचपी तक कम हॉर्सपावर वाला खंड, 30 एचपी – 50 एचपी का मध्यम खंड और 50 एचपी से ऊपर का उच्च खंड।
कंपनी ने कहा, ‘‘समय के साथ, मध्यम और उच्च एचपी खंड ट्रैक्टर खेती के तरीकों के विकास के कारण लोकप्रिय हो गए हैं, खासकर बड़ी भूमि वाले किसानों के लिए।’’
कंपनी ने कहा कि इसके अलावा, देश में बढ़ता बागवानी खंड भी लागत प्रभावी उत्पादों के साथ कम एचपी बाजार खंड में ट्रैक्टर की पैठ बढ़ाने के अच्छे अवसर प्रदान करता है।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.