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Sunday, 22 September, 2024
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कर्नाटक खनन: न्यायालय ने परियोजना क्रियान्वयन पर नजर रखने को पूर्व न्यायाधीश रेड्डी को नियुक्त किया

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नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक के बेल्लारी, चित्रदुर्ग और तुमुकर जिलों में लौह अयस्क खनन से प्रभावित क्षेत्रों को पर्यावरण के लिहाज से पुराने स्तर पर लाने तथा स्वास्थ्य परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर नजर रखने को लेकर बृहस्पतिवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी को निगरानी प्राधिकरण नियुक्त किया।

कर्नाटक ने खनन प्रभावित क्षेत्रों के लिये व्यापक पर्यावरण योजना (सीईपीएमआईजेड) के तहत तीन जिलों में पुनर्बहाली परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये कोष जारी करने का निर्देश देने का आग्रह किया है। प्रस्ताव के तहत इन कार्यों के लिये करीब 24,000 करोड़ रुपये का अनुमान जताया गया गया है।

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायाधीश कृष्ण मुरारी और न्यायाधीश हिमा कोहली ने कर्नाटक सरकार से इस संदर्भ में मसौदा आदेश तैयार करने और इसे न्यायालय के समक्ष रखने को कहा।

राज्य सरकार ने 15 अप्रैल, 2020 को दायर याचिका में सीईपीएमआईजेड योजना के तहत खनन गतिविधियों से प्रभावित बेल्लारी, चित्रदुर्ग और तुमुकर के लिये तत्काल कोष जारी करने का निर्देश देने का आग्रह किया था।

न्यायालय ने यह पूछा कि क्या 24,000 करोड़ रुपये की राशि योजना के क्रियान्वयन के लिये पर्याप्त होगी।

इस पर राज्य की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अनीता शेनॉय ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त समिति (सीईसी) ने अपनी सिफारिश में इस राशि की सिफारिश की है और यह रकम केवल तीन राज्यों में उपयोग के लिये है।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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