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Tuesday, 9 July, 2024
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एआई ने भारत में गतिशील उद्यमशीलता परिवेश को गति दी: ओपनएआई के वरिष्ठ अधिकारी

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नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) ओपनएआई के उपाध्यक्ष श्रीनिवास नारायणन ने बुधवार को कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) ने भारत में पहले से ही गतिशील उद्यमशीलता परिवेश को और गति दी है।

उन्होंने कहा कि कृषि, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में एआई के अत्यधिक इस्तेमाल के कई उदारहण मौजूद हैं।

नारायणन ने ‘ग्लोबल इंडिया एआई समिट’ को संबोधित करते हुए भारत के एआई मिशन की सराहना की और इसे न केवल ‘ग्लोबल साउथ’ बल्कि पूरे विश्व के लिए एक ‘‘ बेहतरीन मिसाल’’ करार दिया।

उन्होंने कहा कि ओपनएआई ‘इंडिया एआई मिशन’ की अनुप्रयोग विकास पहल का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय डेवलपर इसके मॉडल पर काम कर सकें और व्यापक स्तर पर समाज को इसका लाभ मिले।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम वास्तव में मंत्रालय (आईटी मंत्रालय) के साथ बातचीत जारी रखना चाहते हैं। यह आकलन करना चाहते हैं कि हम कहां सबसे अधिक योगदान दे सकते हैं।’’

भारत में एआई के अत्यधिक इस्तेमाल का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कृषि में नए युग की प्रौद्योगिकी ग्रामीण समुदायों में किसानों को अधिक सहायता प्रदान करना संभव बना रही है। शिक्षा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर व्यक्ति-विशेष शिक्षा की पेशकश एक ‘‘बड़ा अवसर’’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘ इसका सबसे बड़ा उदाहरण ‘इंडिया एआई मिशन’ ही है। यह न केवल ‘ग्लोबल साउथ’ में, बल्कि दुनिया भर में एक बेहतरीन मिसाल पेश करता है कि जनरेटिव एआई में ‘एंड-टू-एंड’ सार्वजनिक निवेश क्या हो सकता है।’’

‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित या अल्पविकसित कहा जाता है, जो मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं।

भाषा निहारिका

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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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