नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) बिजली मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, ओड़िशा और झारखंड ने अपने ताप-विद्युत संयंत्रों को कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए न तो अभी तक कोई निविदा जारी की है और न ही खास कदम उठाए हैं।
मंत्रालय ने एक बयान में राज्यों को मिश्रण के लिए कोयले का आयात करने की सलाह भी दी ताकि इसी महीने बिजली संयंत्रों तक कोयला पहुंच सके।
बिजली संकट की समीक्षा के लिए बिजली मंत्री आर के सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि राजस्थान और मध्य प्रदेश कोयला आयात की निविदा जारी करने की प्रक्रिया में हैं।
इस बयान में कहा गया, ‘हालांकि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड ने अपने संयंत्रों को कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अभी तक कोयला आयात की निविदा जारी नहीं की है और न ही इस दिशा में कोई अहम कदम उठाया है।’
इस बैठक में आवंटित कोयले की ढुलाई की प्रगति की भी समीक्षा की गई। मंत्रालय ने कहा कि आवंटित कोयले के उठान पर आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की प्रगति संतोषजनक नहीं है।
मंत्रालय के मुताबिक, इन राज्यों को इस कोयले के उठान में तेजी लाने के लिए कहा गया था। अगर ऐसा नहीं होता है तो इस कोयले को अन्य बिजली उत्पादक कंपनियों को दे दिया जाएगा।
इस ‘ऑनलाइन’ बैठक में बिजली सचिव आलोक कुमार, राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी और बिजली कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
सिंह ने विद्युत संयंत्रों में घरेलू कोयले के साथ मिलावट के लिए विदेश से आयात किए जाने वाले कोयले की स्थिति की भी समीक्षा की। मंत्रालय ने कहा, ‘राज्यों को मिश्रण के लिए कोयले के आयात की सलाह दी गई थी ताकि अतिरिक्त कोयला मई 2022 के महीने से ही बिजली संयंत्रों तक पहुंच जाए।’
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के मुताबिक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र ने कोयला आयात के आदेश दे दिए हैं जबकि पंजाब और गुजरात निविदाओं को अंतिम रूप देने के चरण में हैं। वहीं अन्य राज्यों को इसके लिए खास कोशिश करने की जरूरत है।
भाषा प्रेम रमण
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