नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोविड-19 महामारी के दौरान मोबाइल ऐप के जरिये लोगों को बेहद ऊंची दर पर कर्ज देने से जुड़े मामले में कई वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियों के 6.17 करोड़ रुपये के कोष को कुर्क किया है।
धन शोधन रोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इस धन की कुर्की का अस्थायी आदेश जारी किया गया है।
ईडी ने बुधवार को बयान में कहा, ‘‘इन आरोपियों ने चीनी नागरिकों के साथ मिलकर कई लोगों नाम पर विभिन्न कंपनियां खोलीं। इसका मकसद गैरकानूनी लेनदेन को अंजाम देना था। इन कंपनियों ने कैश मास्टर, क्रेजी रुपी, कैशइन, रुपी मेन्यू जैसे मोबाइल ऐप के जरिये कर्ज दिया और निवेश जुटाया।’’
बयान में कहा गया है कि इन कंपनियों का गठन कुछ चीनी नागरिकों और भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट के बीच सांठगाठ के जरिये कोविड के प्रसार के समय एक साझा पते पर किया गया। इन चार्टर्ड अकाउंटेंट ने पैसे के लिए जरूरतमंद युवाओं के केवाईसी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर इन कंपनियों के गठन में मदद की। इन युवा भारतीयों को कंपनियों का निदेशक और शेयरधारक बनाया गया।
इन कंपनियों के बैंक खातों का परिचालन और नियंत्रण चीनी नागरिकों के पास था। ईडी ने कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों ने उन्हें विदेशों विशेषरूप से चीन से मिले कोष का इस्तेमाल कर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के जरिये लघु अवधि का ऋण दिया।
ईडी ने कहा कि काफी ऊंचे ब्याज पर दिए गए कर्ज की वसूली के लिए इन लोगों ने अनैतिक रास्ता अपनाया। बेंगलुरु पुलिस द्वारा दर्ज दो प्राथमिकियों के आधार पर ईडी ने मामले की जांच शुरू की।
भाषा अजय अजय रमण
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