बेंगलुरु, 24 अप्रैल (भाषा) देश की सबसे बड़ी वाहन विनिर्माता मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) हैचबैक सहित अपने मौजूदा उत्पादों को मजबूती देने के साथ ही तेजी से बढ़ते एसयूवी खंड में अपनी मौजूदगी बढ़ाकर यात्री वाहन बाजार में फिर से 50 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करना चाहती है।
वित्त वर्ष 2021-22 में मारुति सुजुकी की बाजार हिस्सेदारी एक साल पहले के 47.7 फीसदी से गिरकर 43.38 फीसदी पर पहुंच चुकी है। ऐसी स्थिति में अपनी खोई जमीन को वापस पाने के लिए कंपनी कई नए एसयूवी लाने की योजना पर काम कर रही है। इन एसयूवी की ईंधन सक्षमता बढ़ाने के लिए कंपनी हाइब्रिड पावरट्रेन जैसी नई तकनीकों पर भी ध्यान दे रही है।
मारुति का डीजल खंड में वापसी करने का कोई इरादा नहीं है। ऐसी स्थिति में कंपनी ज्यादा ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए सीएनजी संस्करण उतारने की रणनीति पर चल रही है।
एमएसई के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (विपणन और बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कंपनी अपनी खोई हुई बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि कंपनी के भीतर 50 फीसदी बाजार हिस्सेदारी पाने के लिए युद्ध-स्तर पर प्रयास जारी हैं।
श्रीवास्तव ने कहा कि गैर-एसयूवी खंड में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 67 फीसदी के स्तर पर है जिसमें हैचबैक और एमपीवी दोनों खंडों में कंपनी अगुआई कर रही है। हालांकि उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि तेजी से बढ़ते एसयूवी खंड में कंपनी के पास उत्पाद नहीं होने से इसकी समग्र बाजार हिस्सेदारी प्रभावित हुई है।
उन्होंने कहा कि मारुति ने ब्रेज़ा के साथ एंट्री-लेवल एसयूवी खंड की अगुआई की लेकिन मजबूती से बढ़ते मिड-एसयूवी खंड में उसे पिछड़ना पड़ा। इसके लिए उन्होंने एस-क्रॉस मॉडल को मिली कमजोर प्रतिक्रिया को भी जिम्मेदार बताया।
श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘एसयूवी क्षेत्र में कुल मिलाकर हमारी बाजार हिस्सेदारी सिर्फ 12 फीसदी है। यही वह जगह है जहां हम अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के प्रयास कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि जहां मारुति सुजुकी इस खंड में खराब प्रदर्शन के साथ संघर्ष कर रही है वहीं कुछ प्रतिस्पर्धी कंपनियों को अपनी बिक्री का 60 फीसदी हिस्सा एसयूवी खंड से ही मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि हैचबैक खंड में मारुति सुजुकी 70 फीसदी की बाजार हिस्सेदारी के साथ स्पष्ट रूप से आगे है। वहीं एमपीवी खंड में भी कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 61 फीसदी हो चुकी है।
भाषा प्रेम मानसी
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