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Tuesday, 19 November, 2024
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आधी होगी सरकार की गेहूं खरीद, निर्यात पर अंकुश लगाने की योजना नहीं: खाद्य सचिव

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नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने बुधवार को कहा कि गेहूं के अधिक निर्यात और उत्पादन में संभावित गिरावट के बीच चालू रबी विपणन वर्ष में केंद्र की गेहूं खरीद आधी यानी 1.95 करोड़ टन रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत घरेलू मांग को पूरा करने के लिए कोई परेशानी नहीं होगी।

सचिव ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने की संभावना से भी इनकार किया क्योंकि निर्यात से किसानों को अपनी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक कीमत मिल रही है।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, पांडेय ने कहा, ‘‘हमें निर्यात पर किसी भी नियंत्रण के लिए कोई मामला बनता नहीं दिखता है …. गेहूं का निर्यात जारी है और वास्तव में सरकार इसके लिए व्यापारियों को सुविधा प्रदान कर रही है।’’

उन्होंने कहा कि मिस्र, तुर्की और कुछ यूरोपीय संघ के देशों जैसे नए निर्यात बाजार भारतीय गेहूं के लिए खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि-निर्यात संवर्धन निकाय एपीडा निर्यात खेप के लिए सुविधा प्रदान कर रहा है।

पांडेय ने कहा कि निजी व्यापारियों ने चालू तिमाही के लिए 40 लाख टन निर्यात करने का अनुबंध किया है, और 10 लाख टन पहले ही भेज दिया गया है।

उन्होंने कहा कि भारतीय व्यापारियों के पास जून तक निर्यात के लिए एक रास्ता खुला है, क्योंकि उसके बाद अर्जेंटीना से गेहूं की फसल आ जाएगी, जिससे गेहूं की वैश्विक उपलब्धता बढ़ेगी और भारत पर दबाव कम होगा।

वित्त वर्ष 2021-22 में गेहूं का निर्यात रिकॉर्ड 70 लाख टन रहा।

निर्यात के लिए गेहूं की मांग बढ़ने के बीच सचिव ने कहा कि किसान अपनी उपज को एमएसपी से अधिक कीमत पर निजी कारोबारियों को बेच रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप सरकारी एजेंसियों द्वारा कम खरीद की गई है।

उन्होंने कहा कि सरकारी खरीद में गिरावट ‘किसानों के पक्ष में’ जाती है क्योंकि उन्हें सरकारी एजेंसियों द्वारा दी जाने वाली एमएसपी कीमत से अधिक मूल्य मिल रहा है।

हालांकि, समग्र खाद्यान्न प्रबंधन स्थिति के बारे में, सचिव ने कहा, ‘‘हम अभी भी अधिशेष की स्थिति में हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘…सरकार की गेहूं खरीद कम हुई है। लेकिन चावल की उपलब्धता और खरीद, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।’’

पांडेय ने कहा कि सरकार की गेहूं खरीद अबतक 1.75 करोड़ टन तक पहुंच गई है, और विपणन वर्ष 2022-23 में कुल खरीद 1.95 करोड़ टन रहने की संभावना है, जो पिछले वर्ष की तुलना में बहुत कम होगा।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से और 20 लाख टन गेहूं की खरीद होने की उम्मीद है।

इससे पहले सरकार ने विपणन वर्ष 2022-23 के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य 4.44 करोड़ टन निर्धारित किया था, जबकि पिछले विपणन वर्ष में यह रिकॉर्ड स्तर का था।

रबी विपणन सत्र अप्रैल से मार्च तक चलता है लेकिन थोक खरीद जून तक समाप्त हो जाती है।

उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय ने जून में समाप्त होने वाले फसल वर्ष 2021-22 में गेहूं उत्पादन के अनुमान को 5.7 प्रतिशत से घटाकर 10.5 करोड़ टन कर दिया है, जो पहले 11 करोड़ 13.2 लाख टन का था। अनुमान को घटाने का कारण गर्मी की जल्द शुरुआत होने की वजह से फसल उत्पादकता का प्रभावित होना है।

फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) में भारत का गेहूं उत्पादन 10 करोड़ 95.9 लाख टन रहा था।

उन्होंने कहा कि अनुमानों में कमी की वजह ‘‘गर्मी की जल्द शुरुआत’’ है। इसने राज्यों, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फसल की पैदावार को प्रभावित किया है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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