scorecardresearch
Saturday, 18 January, 2025
होमदेशअर्थजगतआदित्य बिड़ला कैपिटल, निप्पॉन लाइफ में विलय की बातचीत टूटी

आदित्य बिड़ला कैपिटल, निप्पॉन लाइफ में विलय की बातचीत टूटी

Text Size:

नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) आदित्य बिड़ला कैपिटल और निप्पॉन लाइफ के बीच विलय को लेकर चल रही बातचीत नाकाम हो गई है क्योंकि रिलायंस कैपिटल की जीवन बीमा इकाई आरएनएलआईसी में घटी हुई हिस्सेदारी पर रजामंदी नहीं बन पाई। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (आरएनएलआईसी) में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली जापानी कंपनी निप्पॉन लाइफ की मंशा रिलायंस निप्पॉन लाइफ और बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेंस के विलय की थी।

सूत्रों के मुताबिक, इस संभावना को लेकर निप्पॉन लाइफ की आदित्य बिड़ला कैपिटल के साथ बात चल रही थी लेकिन विलय के बाद के सांगठनिक स्वरूप को लेकर सहमति नहीं बन पाई। खासकर आरएनएसआईसी में हिस्सेदारी घटकर 10 प्रतिशत रह जाने की संभावना पर उसे आपत्ति थी।

बिड़ला सन लाइफ, आदित्य बिड़ला कैपिटल की ही एक इकाई है। वहीं आरएनएलआईसी दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही ऋणग्रस्त कंपनी रिलायंस कैपिटल की अनुषंगी है।

बीमा नियामक इरडा के निर्देशों के मुताबिक कोई भी कंपनी एक से अधिक जीवन बीमा इकाइयों का संचालन नहीं कर सकती है। इस वजह से बिड़ला सन लाइफ के प्रवर्तकों के आरसीएल के सफल बोलीकर्ता के रूप में उभरने की स्थिति में उसके लिए रिलायंस निप्पॉन लाइफ के साथ विलय करना एक बाध्यता हो जाएगी।

इस बारे में प्रतिक्रिया के लिए आदित्य बिड़ला कैपिटल को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला है।

आरसीएल और उसकी अनुषंगियों के लिए बाध्यकारी निविदा जमा करने की अंतिम तारीख 28 नवंबर है। आरसीएल के बीमा समेत आठ कारोबार इस बोली प्रक्रिया का हिस्सा हैं। इसमें बोलीकर्ता कंपनी एवं उसकी अनुषंगियों के लिए सम्मिलित बोली लगा सकते हैं या फिर वे अनुषंगियों के लिए अलग-अलग बोली भी लगा सकते हैं।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments