नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा-शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन संजय कुमार मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि सोने पर लगे ‘अत्यधिक’ आयात शुल्क में कटौती की बजट घोषणा से पीली धातु की तस्करी रोकने और रत्नों एवं आभूषणों का निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।
मंगलवार को संसद में पेश बजट 2024-25 में कीमती धातु पर आयात शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत करने की घोषणा की गई।
पिछले वित्त वर्ष में सीबीआईसी और राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने लगभग 4.8 टन सोना जब्त किया था। इसके पहले वित्त वर्ष 2022-23 में 3.5 टन से अधिक सोने को जब्त किया गया था।
सीबीआईसी प्रमुख ने कहा कि जुलाई, 2022 में सोने के आयात पर शुल्क बढ़ाने का फैसला इसलिए किया गया था कि भू-राजनीतिक स्थिति के कारण चालू खाते का घाटा (कैड) बढ़ता जा रहा था। ऐसे समय में गैर-जरूरी आयात में कटौती के लिए शुल्क बढ़ाया गया था।
हालांकि, कैउ 2022-23 के दो प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 0.7 प्रतिशत रह गया। मार्च तिमाही में देश का चालू खाता अधिशेष स्थिति में था।
मल्होत्रा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘इस मामले में स्थिति अब बेहतर है। सोने पर 15 प्रतिशत की शुल्क दर बहुत अधिक है। इतना अधिक शुल्क रहने पर देश में आभूषण निर्माण और मूल्य संवर्धन के लिए पूंजी अवरुद्ध हो जाती है।’’
सोना रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल है, जहां बहुत अधिक रोजगार पैदा होता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र से लगभग 50 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है और निर्यात आठ प्रतिशत के आसपास है।
मल्होत्रा ने कहा कि स्वर्ण आयातक ऊंचे शुल्क से बचने के लिए विभिन्न मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के तहत सर्राफा के अलावा अन्य रूप में भी सोना लाने का तरीका अपना रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस छल-कपट के कारण सीमा शुल्क का पूरा असर नहीं दिख रहा था और हमने यह भी देखा कि सोने की तस्करी भी बढ़ गई है।’’
दरअसल, 15 प्रतिशत शुल्क होने से सोने की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतों के बीच बहुत बड़ा अंतर हो गया था। उन्होंने कहा, ‘‘इन सभी कारकों को सोने और कीमती धातुओं पर शुल्क में कमी के बजट प्रस्ताव में ध्यान में रखा गया है, जहां शुल्क सोने पर शुल्क की दर के अनुरूप चलता है।’’
पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 45.54 अरब डॉलर का सोना और 5.44 अरब डॉलर मूल्य की चांदी का आयात किया था। इस दौरान देश से 13.23 अरब डॉलर के आभूषणों का निर्यात किया गया।
भारत सोने की अपनी अधिकांश मांग आयात से पूरी करता है लेकिन इसका रुपये और चालू खाता घाटे पर दबाव पड़ता है।
स्विट्जरलैंड सोने के आयात का सबसे बड़ा स्रोत है, जिसकी हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है। उसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (16 प्रतिशत से अधिक) और दक्षिण अफ्रीका (लगभग 10 प्रतिशत) का स्थान है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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