नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) सरकार ने ओला और उबर सहित ऐप आधारित कैब सेवाएं देने वाली कंपनियों को चेताया है कि यदि वे अपनी प्रणाली में सुधार नहीं करती हैं और उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतों का निवारण नहीं करती हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सरकार ने मंगलवार को इन कंपनियों के साथ एक बैठक की। बैठक में उनके द्वारा कथित रूप से अनुचित व्यापार व्यवहार की शिकायतों पर चर्चा हुई। बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने ऐसी शिकायतें की हैं, जिसमें कैब ड्राइवर बुकिंग को स्वीकार करने के बाद उसे रद्द करने के लिए उपभोक्ताओं पर दबाव डालते हैं।
इसकी वजह से उपभोक्ताओं पर रद्दीकरण के लिए जुर्माना लगाया जाता है।
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बैठक के बाद कहा, ‘‘हमने उन्हें उनके मंच के खिलाफ बढ़ती उपभोक्ता शिकायतों के बारे में बताया। हमने उन्हें आंकड़े भी दिए। हमने उन्हें अपनी प्रणाली में सुधार करने और उपभोक्ता शिकायतों का निवारण करने के लिए कहा है, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि ‘जागो ग्राहक जागो’ हेल्पलाइन पर बहुत अधिक शिकायतें हैं, जो कैब कंपनियों के खिलाफ ग्राहकों की नाराजगी को दर्शाती हैं।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने कहा कि कैब कंपनियों को तत्काल समस्या का समाधान करना चाहिए।
बैठक में ओला, उबर, मेरु, रैपिडो और जुगनू के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, लेकिन उन्होंने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया।
बाद में उबर इंडिया और दक्षिण एशिया के केंद्रीय परिचालन प्रमुख नीतीश भूषण ने कहा, ‘‘हम उपभोक्ता मामलों के विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और उनके द्वारा दिए गए ब्योरे की अत्यधिक सराहना करते हैं और अपने सुझाव भी देते रहेंगे।’’
उन्होंने कहा कि कंपनी यात्रियों और ड्राइवरों, दोनों के लिए पसंदीदा मंच बनने का लगातार प्रयास करती है और इसके लिए प्रौद्योगिकी तथा ग्राहक सहायता में निवेश जारी है।
भाषा पाण्डेय अजय
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