नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) ने शुक्रवार को कहा कि वह विनिर्माण, श्रम मानकों और महिला रोजगार पर जोर के साथ विभिन्न वैश्विक मंचों पर ‘ब्रांड इंडिया’ को बढ़ावा देने की दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है।
एईपीसी के चेयरमैन नरेंद्र गोयनका ने कहा कि दूसरी सबसे बड़ी कताई और बुनाई क्षमता के साथ कपास, जूट, रेशम और ऊन की उपलब्धता उद्योग को 95 प्रतिशत घरेलू मूल्यवर्धन का अवसर प्रदान करती है।
परिषद ने दो दिवसीय ‘फैशन मीट एक्सपो’-2022 का आयोजन किया। मेले का उद्घाटन कपड़ा राज्य मंत्री दर्शन जरदोश ने 21 अप्रैल को गुरुग्राम के ‘अपैरल हाउस’ में किया था।
प्रदर्शनी में विनिर्माताओं, मशीन बनाने वाली कंपनियां, स्टार्टअप, डिजाइनर, खरीदार, निर्यातक और फैशन संस्थान समेत अन्य संबंधित पक्ष शामिल हुए।
गोयनका ने कहा कि परिषद विनिर्माण, सही तरीके से माल खरीदने, श्रम मानकों और महिला रोजगार पर जोर के साथ विभिन्न वैश्विक मंचों पर ‘ब्रांड इंडिया’ को बढ़ावा देने की दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है।
वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान सिले-सिलाये कपड़ों का निर्यात पिछले साल की तुलना में 30.4 प्रतिशत बढ़कर 16 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
भारतीय कपड़ा और परिधान निर्यात के मुख्य बाजारों में अमेरिका, यूरोपीय संघ, एशिया और पश्चिम एशिया शामिल हैं।
भाषा रिया रमण
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