मुंबई, 22 अप्रैल (भाषा) घरेलू शेयर बाजार में बिकवाली और अमेरिका मुद्रा में मजबूती से शुक्रवार को रुपया 25 पैसे टूटकर 76.42 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी से निवेशकों की भावना पर असर पड़ा है।
इस बीच, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मई में ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी के अनुमानों के चलते डॉलर मजबूत होकर 25 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 76.31 प्रति डॉलर पर खुला और कारोबार के दौरान 76.19 के उच्च स्तर तथा 76.50 प्रति डॉलर के निचले स्तर तक आ गया। बाद में रुपया 76.42 प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ। यह पिछले बंद भाव 76.17 की तुलना में 25 पैसे की गिरावट दर्शाता है।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक टिप्पणी में कहा कि फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने मई में दरों में 0.5 प्रतिशत बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं। इसके बाद रुपये पर दबाव देखा गया।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा कि क्षेत्रीय मुद्राओं के अनुरूप रुपये में भी गिरावट रही। जिंस कीमतों में तेजी के कारण केंद्रीय बैंकों पर ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव बढ़ सकता है। कंपनियों के वित्तीय परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं होने और उच्च मुद्रास्फीति के साथ बुनियादी संकेतक कमजोर हो रहे हैं।
इस बीच, बीएसई सेंसेक्स 714.53 अंक यानी 1.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,197.15 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 220.65 अंक या 1.27 प्रतिशत गिरकर 17,171.95 पर आ गया।
वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.39 प्रतिशत फिसलकर 106.82 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.45 प्रतिशत की बढ़त के साथ 101.06 पर पहुंच गया।
भाषा पाण्डेय रमण
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