मुंबई, 22 अप्रैल (भाषा) कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच बिकवाली का जोर रहने से शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजारों में दो दिनों की तेजी के बाद गिरावट रही। मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 714.53 अंक तक लुढ़क गया जबकि एनएसई निफ्टी में भी 220.65 अंक का नुकसान रहा।
विश्लेषकों ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी जारी रहने और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट ने भी शेयर बाजारों को प्रभावित किया।
सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस पर बीएसई सेंसेक्स 714.53 अंक यानी 1.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,197.15 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी 220.65 अंक यानी 1.27 प्रतिशत के नुकसान के साथ 17,171.95 अंक पर आ गया।
सेंसेक्स की तीस कंपनियों में से एसबीआई, एचयूएल, इंडसइंड बैंक, डॉ रेड्डीज, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक और इंफोसिस को काफी नुकसान उठाना पड़ा। इनमें से एसबीआई के शेयर सबसे अधिक 3.08 प्रतिशत तक लुढ़क गए।
दूसरी तरफ, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारती एयरटेल, मारुति सुजूकी, आईटीसी, एशियन पेंट्स एवं एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शेयर 0.98 फीसदी तक लाभ पर रहे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘किसी स्पष्ट दिशा के बगैर उठापटक भरा यह बाजार दैनिक स्तर पर बाह्य एवं आंतरिक दोनों कारकों से प्रभावित हो रहा है। बाह्य स्तर पर अमेरिकी बाजार एक दिन दो फीसदी बढ़ जाता है तो अगले दिन दो फीसदी गिर जाता है।’
उन्होंने कहा, ‘इसी तरह आंतरिक स्तर पर विदेशी संस्थागत निवेशकों एवं घरेलू संस्थागत निवेशकों के बीच लिवाली-बिकवाली को लेकर होड़ देखने को मिल रही है। ये बाह्य एवं आंतरिक दोनों ही कारक अब डांवाडोल हैं और इसी वजह से बाजार अस्थिर बना हुआ है।’
साप्ताताहिक आधार पर इस हफ्ते सेंसेक्स 1,141.78 अंक यानी 1.95 फीसदी के नुकसान में रहा जबकि निफ्टी में 303.70 अंक यानी 1.73 फीसदी की गिरावट आई।
जूलियस बेयर के कार्यकारी निदेशक मिलिंद मुचाला ने कहा, ‘भारतीय शेयर बाजार एक दायरे में ही घूम रहे हैं। जहां प्रमुख सूचकांकों में मजबूती नजर आ रही है वहीं ऐसा लगता है कि व्यापक गतिविधि बड़े बाजारों की तरफ खिसक गई है। चौथी तिमाही के नतीजे आने लगे हैं और बाजार थोड़ी सजगता दिखा रहे हैं।’
व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप सूचकांक 0.71 फीसदी गिर गया जबकि स्मालकैप सूचकांक 0.38 फीसदी खिसका। सूचीबद्ध शेयरों में से 1,956 नुकसान में रहे जबकि 1,451 शेयर लाभ के साथ बंद हुए।
सभी बीएसई खंडों की बात करें तो बैंकिंग खंड को सर्वाधिक 2.19 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा। धातु शेयरों को 2.17 फीसदी, वित्त को 1.70 फीसदी, स्वास्थ देखभाल को 1.57 फीसदी और बुनियादी सामग्री खंड को 1.45 फीसदी का नुकसान हुआ।
भारतीय बाजारों में गिरावट की एक बड़ी वजह कमजोर वैश्विक संकेत रहे। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने बढ़ती महंगाई के बीच मई में 50 आधार अंकों की वृद्धि के संकेत दिए हैं।
एशिया के अन्य बाजारों में टोक्यो, हांगकांग एवं सोल के बाजार नुकसान के साथ बंद हुए जबकि शंघाई हल्की बढ़त पर रहा।
वहीं यूरोप में बाजार दोपहर के सत्र में नुकसान पर चल रहे थे। बृहस्पतिवार को अमेरिकी बाजार भी नुकसान के साथ बंद हुए थे।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चा तेल मानक ब्रेंट 1.60 फीसदी गिरकर 106.6 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
वहीं रुपये में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 32 पैसे की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इसके साथ ही रुपया 76.49 के अस्थायी भाव पर खिसक गया।
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजारों से निकासी जारी रखी है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, बृहस्पतिवार को विदेशी निवेशकों ने 713.69 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की।
भाषा
प्रेम रमण
रमण
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