कोलकाता, 22 जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल के आलू कारोबारियों ने दूसरे राज्यों के कारोबारियों को आलू बेचने में राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के कथित उत्पीड़न को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है।
कारोबारियों की हड़ताल से आलू की पहले से ही बढ़ी कीमतों में और बढ़ोतरी होने की आशंका है। आकार और किस्म के हिसाब से ये कीमतें 36-40 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच हैं।
प्रगतिशील आलू व्यापारी संघ (पीपीटीए) ने रविवार से हड़ताल का आह्वान किया है। संगठन का आरोप है कि अधिकारी आलू लादकर पड़ोसी राज्यों में जाने वाले ट्रकों को ‘‘अवैध रूप से’’ रोक रहे हैं।
पीपीटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘सरकार की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है, और हड़ताल जारी रहेगी। सरकार नए कानून के तहत आलू की आवाजाही को नहीं रोक सकती है।’’
हालांकि हड़ताल पर राज्य प्रशासन की कोई टिप्पणी नहीं आई है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि सरकार बंगाल के उपभोक्ताओं के लिए कीमतों को नियंत्रित करने के लिए आलू के निर्यात को प्रतिबंधित कर रही है।
कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के एक सूत्र ने कहा, ‘‘राज्य भर में व्यापारियों की हड़ताल के कारण कोई खरीदार नहीं आया है। आलू को कोल्ड स्टोरेज से बाहर नहीं निकाला जा सका है।’’
उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों को बेचे जाने वाले आलू छोटे आकार के हैं, जिनकी खपत पश्चिम बंगाल में नहीं होती है, लेकिन पड़ोसी राज्यों में इसकी मांग है।
कृषि कार्यबल के साथ हाल ही में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अधिकारियों को आलू की कीमतों में कटौती के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया था।
भाषा राजेश राजेश प्रेम
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