नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) विमानन, फिनटेक, शिक्षा-प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य-प्रौद्योगिकी और स्वच्छ ऊर्जा तकनीक जैसे क्षेत्रों में साझेदारी से आने वाले वर्षों में भारत और यूएई की वृद्धि गाथा आगे बढ़ेगी।
व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) परिषद के निदेशक अहमद अलजनेबी ने मंगलवार को यह बात कही।
यूएई-भारत सीईपीए परिषद (यूआईसीसी) की शुरुआत जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। दोनों देशों ने मई 2022 में सीईपीए को लागू किया।
उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच हवाई परिवहन और एयर कार्गो संपर्क को बेहतर बनाने की बहुत बड़ी संभावना है।
अलजनेबी ने कहा, ”फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी), शिक्षा-प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य-प्रौद्योगिकी और स्वच्छ ऊर्जा तकनीक में साझेदारी निश्चित रूप से यूएई और भारत की साझा वृद्धि गाथा के अगले अध्याय को आगे बढ़ाएगी।”
उन्होंने कहा कि दोनों देशों की डिजिटल अर्थव्यवस्थाएं भी सीईपीए से काफी लाभ उठा रही हैं।
अलजनेबी ने कहा कि भारतीय कंपनियां पूरे क्षेत्र में डिजिटल समाधान पेश करने के लिए यूएई के 5जी बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक नेटवर्क का लाभ उठा रही हैं।
चीन और अमेरिका के बाद यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। दोनों देशों के बीच व्यापार 2021-2022 और 2022-2023 के बीच 72.9 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 84.5 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच बेहतर हवाई, समुद्री और डिजिटल संपर्क के साथ, व्यापार संबंध और भी अधिक ऊंचाइयों पर पहुंच सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि यूएई और भारत की एयरलाइंस को सीईपीए पर हस्ताक्षर करने के बाद इस रणनीतिक साझेदारी का पूरा फायदा मिले।
भाषा पाण्डेय रमण
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