नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) देश में अप्रैल में कच्चे तेल का उत्पादन एक प्रतिशत घटकर 24.7 लाख टन रह गया। इसका कारण निजी कंपनियों के तेल क्षेत्रों से उत्पादन में कमी है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में अप्रैल महीने में 24.7 लाख टन कच्चे तेल का उत्पादन हुआ। एक साल पहले इसी महीने में यह 25 लाख टन रहा था।
ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने अप्रैल में 16.5 लाख टन कच्चे तेल का उत्पादन किया। यह कंपनी के निर्धारित लक्ष्य से करीब पांच प्रतिशत अधिक है। साथ ही यह पिछले साल के इसी माह के 16.3 लाख टन के उत्पादन के मुकाबले 0.86 प्रतिशत ज्यादा है।
ऑयल इंडिया लि. ने आलोच्य महीने में 3.6 प्रतिशत अधिक कच्चे तेल का उत्पादन किया। इस दौरान कंपनी ने 2,51,460 टन कच्चे तेल का उत्पादन किया।
दूसरी तरफ निजी क्षेत्र की कंपनियों के तेल क्षेत्रों से उत्पादन इस दौरान 7.5 प्रतिशत घटकर 5,67,570 टन रहा।
सरकार आयात पर निर्भरता कम करने के लिये तेल एवं गैस के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। भारत अपनी कुल कच्चे तेल की जरूरत का 85 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस का करीब आधा हिस्सा आयात करता है।
आंकड़ों के अनुसार, प्राकृतिक गैस का उत्पादन अप्रैल महीने में 6.6 प्रतिशत बढ़कर 2.82 अरब घनमीटर रहा। इसका मुख्य कारण पूर्वी अपतटीय क्षेत्र में उत्पादन का बढ़ना है। इसी क्षेत्र में रिलायंस इंडस्ट्रीज और बीपी का केजी-डी6 ब्लॉक स्थित है।
वहीं ओएनजीसी का प्राकृतिक गैस का उत्पादन एक प्रतिशत घटकर 1.72 अरब घनमीटर रहा। जबकि पूर्वी अपटीय क्षेत्र में उत्पादन 43 प्रतिशत उछलकर 60 करोड़ घनमीटर रहा।
आंकड़ों में यह नहीं बताया गया है कि किस क्षेत्र से कितना उत्पादन हुआ है।
मांग बढ़ने के साथ रिफाइनरी कंपनियों का तेल प्रसंस्करण अप्रैल महीने में 8.5 प्रतिशत बढ़कर 2.16 करोड़ टन रहा। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल रिफाइनरी कंपनियों ने 12.8 प्रतिशत अधिक कच्चे तेल को ईंधन में बदला। वहीं निजी और संयुक्त क्षेत्र की इकाइयों का प्रसंस्करण 1.8 प्रतिशत अधिक रहा।
भाषा रमण अजय
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