बर्लिन, दो मई (भाषा) भारत और जर्मनी ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के कामकाज एवं इसके सिद्धांतों को मजबूती देने के लिए सोमवार को इस वैश्विक संगठन में सुधार की प्रतिबद्धता जताई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्ज की सह-अध्यक्षता में यहां हुई छठी भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श बैठक में डब्ल्यूटीओ में सुधार की जरूरत पर जोर दिया गया।
दोनों ही पक्षों ने यूरोपीय संघ और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते, निवेश प्रोटोकॉल समझौते और भौगोलिक संकेतन संबंधी समझौते पर होने वाली बातचीत को भी अपना समर्थन देने की बात कही।
बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान के मुताबिक, दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश बढ़ाने के लिए ऐसे समझौतों की असीम संभावनाओं पर भी बल दिया।
भारत और जर्मनी दोनों ने ही नियमों पर आधारित स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी व्यापार को अहम बताते हुए कहा कि बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के केंद्र के रूप में डब्ल्यूटीओ का महत्वपूर्ण स्थान है और यह विकासशील देशों को वैश्विक व्यापार व्यवस्था में लाने का केंद्रीय स्तंभ है।
बयान के मुताबिक, ‘‘दोनों ही सरकारें डब्ल्यूटीओ में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि इसके सिद्धांत एवं कामकाज को मजबूत किया जा सके। खासकर अपीलीय निकाय की स्वायत्तता बरकरार रखने के साथ उसे द्विस्तरीय बनाए रखना अहम है।’’
अपीलीय निकाय डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों की तरफ से उठाए गए मुद्दों पर की गई अपीलों की सुनवाई करता है। इस सात सदस्यीय निकाय में स्थान खाली होने से फिलहाल यह अपीलों की सुनवाई नहीं कर पा रहा है।
भाषा
प्रेम अजय
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